टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (12/09/2022): दिल्ली के मुंडका इलाके के बक्करवाला में शुक्रवार को एक सीवर की सफाई के लिए गए सफाईकर्मी और एक सुरक्षाकर्मी की उस सीवर से निकली जहरीली गैस के कारण मौत हो गई। इसे लेकर आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये डीडीए की लापरवाही थी, जो सीधे उपराज्यपाल विनय सक्सेना के अंदर आता है। साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के हर काम में दखल देने वाले उपराज्यपाल की इस पर ज़िम्मेदारी क्यों नहीं?
आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि दिल्ली के मुंडका इलाके में बक्करवाला नाम की एक जगह है जिसके अंदर डीडीए की लोक नायक पुरम कॉलोनी में सफ़ाई कर्मचारी को बिना उपकरण के सीवर में उतारा गया। सीवर में जहरीली गैस के कारण वो बेहोश हो गया। उसको बचाने के लिए एक सिक्योरिटी गार्ड सीवर के अंदर उतारा और वो भी बेहोश हो गया और दोनों की मौत हो गई। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि इसके लिए कौन सी सरकारी एजेंसी जिम्मेदार हैं?
आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सतीश शर्मा ने स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा कि जब मैनुअल स्कैवेंजिंग बैन (Manual Scavenging Ban) है तो ये कैसे हुआ? जिस डिपार्टमेंट का यह काम था उस डिपार्टमेंट ने इस काम को छिपाया है। ये डिपार्टमेंट सीधा दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के अंदर आता है। ये डीडीए का काम था।
आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उपराज्यपाल के पास पावर विदाउट अकाउंटेबिलिटी (Power without Accountability) है। ज्यादातर राज्य में उपराज्यपाल एक संवैधानिक प्रमुख (constitutional head) होते हैं। कभी कबार किसी मुद्दे पर बात करते हैं मगर दिल्ली के अंदर जो उपराज्यपाल नए आए हैं वो तो दिल्ली की चुनी हुई सरकारों के कामों का उद्घाटन करने खुद चले जाते हैं और मंत्रियों को नहीं बुलाते हैं।
आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उपराज्यपाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि हर डिपार्टमेंट की मीटिंग वो खुद ले रहे हैं और खुद रोज प्रेस रिलीज अखबारों के अंदर दे रहे हैं। मेरा उपराज्यपाल से सवाल है कि जब आपके पास सत्ता है, पावर है तो आपकी जवाबदेही क्यों नहीं होगी दिल्ली में? आपके डिपार्टमेंट ने और आपके उपराज्यपाल कार्यालय ने कल क्यों नहीं अपनी जिम्मेदारी मानते हुए अखबारों को बताया। उन्होंने कहा कि मृतकों के परिजनों से उपराज्यपाल मिलने कब जाएंगे और अभी तक क्यों नहीं गए? दिल्ली सरकार के हर काम में दख़ल देने वाले उपराज्यपाल की इस पर ज़िम्मेदारी क्यों नहीं?