टेन न्यूज नेटवर्क
प्रयागराज (30 नवंबर 2024): इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में प्रख्यात कवि, साहित्यकार और प्रखर वक्ता डॉ. कुमार विश्वास (Dr Kumar Vishwas) को मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने प्रदान किया। यह ऐतिहासिक अवसर इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इलाहाबाद विश्वविद्यालय (Allahabad University) के 137 वर्षों के गौरवशाली इतिहास में डॉ. विश्वास इस प्रतिष्ठित सम्मान को प्राप्त करने वाले केवल तीसरे व्यक्ति हैं। उनसे पहले यह सम्मान पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (Dr APJ Abdul Kalam) और पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषण को प्रदान किया गया था।
मुख्यमंत्री ने की डॉ. कुमार विश्वास की प्रशंसा
समारोह में अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डॉ. कुमार विश्वास की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने हिंदी भाषा और साहित्य के क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया है। इस अवसर पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव और कुलाधिपति तथा बीएसई के प्रबंध निदेशक आशीष चौहान भी उपस्थित थे।
भारतीय संस्कृति और साहित्य की सेवा के प्रति समर्पण
डॉ. विश्वास ने सम्मान प्राप्त करते हुए इसे अपनी मातृभाषा और भारतीय संस्कृति की विजय बताया। उन्होंने कहा, “जो भी प्रेरणा और ऊर्जा मैंने पाई है, वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रांगण से ही मिली है। यहां की आध्यात्मिक चेतना और सांस्कृतिक समृद्धि ने मुझे साहित्य और सनातन धर्म की सेवा के लिए प्रेरित किया।” उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भरत की तरह बताया जो रामराज्य की अवधारणा को साकार करने का कार्य कर रहे हैं।
मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहन
समारोह में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले आठ विद्यार्थियों को पदक प्रदान किए गए, जिनमें सात छात्राएं थीं। इस पर डॉ. विश्वास ने कटाक्षपूर्ण अंदाज में कहा, “जब छात्र राजनीतिक दलों की युवा शाखाओं में लग जाते हैं, तो मेडल कैसे लाएंगे?” उन्होंने अपनी विशिष्ट शैली में यह भी जोड़ा कि महाप्राण निराला जैसे साहित्यिक महापुरुषों की उपेक्षा का बदला शायद अब समय ने ले लिया है।
साहित्य और समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता
डॉ. विश्वास हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अपनी अप्रतिम सेवाओं के लिए जाने जाते हैं। उनके काव्य और व्याख्यान न केवल देश में, बल्कि विदेशों में भी सराहे जाते हैं। “अपने-अपने राम” के नाम से उनके ऊर्जा-सत्रों ने युवाओं को रामकथा की वैज्ञानिक व्याख्या से जोड़ने का कार्य किया है। उनकी सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि ने उन्हें साहित्य से जुड़े हर वर्ग का प्रिय बना दिया है। डॉ. कुमार विश्वास के हिंदी साहित्य में योगदान पर विभिन्न विश्वविद्यालयों में शोध कार्य किए जा रहे हैं। उनकी प्रखर और स्पष्टवादिता ने उन्हें समसामयिक विषयों पर प्रभावशाली वक्ता के रूप में स्थापित किया है।
इस सम्मान के साथ इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने एक बार फिर अपनी विद्वत परंपरा और भारतीय संस्कृति के प्रति अपने समर्पण को सुदृढ़ किया है।।
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