टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (18 जनवरी 2024): दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में आज गुरूवार को ‘शिक्षा उत्कृष्टता पुरस्कार’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में शानदार प्रदर्शन करने वाले दिल्ली के 51 स्कूलों को सम्मानित किया गया। साथ ही राज्य, ज़िला व ज़ोनल स्तर पर टॉप करने वाले दिल्ली सरकार के स्कूलों के 218 विद्यार्थियों को पुरस्कार दिया गया। इस कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री आतिशी भी मौजूद रही।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि “जिनको आज अवॉर्ड नहीं मिले, वो किसी हाल में अवॉर्ड पाने वाले बच्चों से पीछे नहीं है। हर बच्चे को भगवान ने कुछ न कुछ खूबी दी है। हमारे स्कूलों का फ़र्ज़ है कि बच्चे को अवसर प्रदान करे कि वो अपनी क्षमता का फायदा उठा पाए। यही हम दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कर रहे हैं।”
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि “दिल्ली शिक्षा में जो बड़ी क्रांति आई है, इसका सबसे बड़ा श्रेय शिक्षकों को जाता है। दिल्ली सरकार ने माहौल दिया, बेहतरीन सुविधाएं हैं, विदेश में ट्रेनिंग मिलीं, मात्र 5–7 साल में कमाल कर दिया। आईआईटी एम्स में जाने वाले बच्चों की संख्या बढ़ने लगी। जब मैं उन सब से मिला, लगभग हर बच्चे ने कहा कि ये मेरे शिक्षकों की वजह से हुआ।”
दिल्ली सीएम ने कहा कि “प्राचीन भारत, सन 1830 से पहले हमारा शिक्षा मॉडल बहुत अच्छा था। नालंदा विश्वविद्यालय और तक्षिला विश्वविद्यालय में पूरी दुनिया के बच्चे वहां पढ़ने आते थे। अंग्रेजों के आने से पहले, हर गांव में एक गुरुकुल होता था। सबसे ऊंचा दर्जा अध्यापक का होता था। चाहे रामायण उठा लो चाहे महाभारत।”
उन्होंने आगे कहा कि “अंग्रेजों को समझ आ गया कि अगर इनका शिक्षा व्यवस्था बर्बाद नहीं किया, तो इनपर राज करना नामुमकिन होगा, समझदार पढ़ी लिखी जनता से चोरी नहीं की जा सकती। अंग्रेजों ने मैकाले को भेजा और उसने एक एक करके सारे गुरुकुल, नालंदा, तक्षीला बर्बाद कर दिए।”
दिल्ली सीएम ने कहा कि “सरकारों का काम पुरानी शिक्षा वापस खड़ा करना था। दो काम करने थे। पहला शिक्षा का विस्तार गांव गांव तक पहुंचाना और दूसरा क्लर्क पैदा करने वाली शिक्षा प्रणालय बदलना। दिल्ली में यही कोशिश है। तभी गरीबी दूर होगी।”
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि “दिल्ली में पहले 2 तरह की शिक्षा प्रणाली थी – पहली अमीरों के बच्चे प्राइवेट स्कूल में पढ़ते थे। और दूसरी ग़रीबों के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते थे। लेकिन हमने सरकारी स्कूल इतने अच्छे कर दिये कि आज दिल्ली में सभी को एक समान शिक्षा मिल रही है। सरकारी स्कूलों के बच्चे प्राइवेट स्कूल के बच्चों को पीछे छोड़ रहे हैं। JEE-NEET पास कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि “जिस तरह दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम सफल हुआ था। इस बार हम कॉलेजों में भी बिज़नेस ब्लास्टर्स के लिए पैसा रखेंगे। देश की अर्थवस्था में अपार संभावनायें हैं। अगर स्कूल- कॉलेज जाने वाला सोच ले कि उन्हें नौकरी माँगने वाला नहीं, नौकरी देने वाला बनना है। तो देश की अर्थव्यवस्था में एक बड़ी क्रांति आ जाएगी।”
तो वहीं दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि “अमेरिका और यूरोप के देश इसलिए विकसित हो पाये क्योंकि उन्होंने अपने बच्चों को एक समान बेहतरीन शिक्षा दी। यही सपना हमारे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के बच्चों के लिए 9 साल पहले देखा। यही कारण है कि आज हम दिल्ली में शिक्षा क्रांति देख पा रहे हैं।”
शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि “एक समय था जब प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन के लिए होड़ मची हुई थी। आज ये समय है कि केजरीवाल सरकार के स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में 6,000 सीटों के लिए 1,50,000 बच्चों ने आवेदन किया है।”