टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (18 नवम्बर 2024): राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर इस समय खतरनाक वायु प्रदूषण के चलते एक “गैस चैंबर” में तब्दील हो गए हैं। हर दिन हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। बढ़ते वायु प्रदूषण ने आम जनता का सांस लेना तक मुश्किल कर दिया है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के चरण-4 के तहत सख्त प्रतिबंध लागू कर दिए गए हैं।
GRAP-4 के तहत प्रतिबंध:
1. ट्रकों की एंट्री पर रोक: दिल्ली में केवल आवश्यक वस्तुएं ले जाने वाले ट्रकों को ही अनुमति दी गई है। सीएनजी, एलएनजी, इलेक्ट्रिक, और बीएस-VI डीजल ट्रकों को एंट्री की छूट दी गई है।
2. लाइट कमर्शियल वाहन: केवल आवश्यक सेवाओं में इस्तेमाल होने वाले ईवीएस, सीएनजी, और बीएस-VI डीजल वाहनों को ही प्रवेश की अनुमति है।
3. बीएस-IV डीजल वाहन प्रतिबंध: दिल्ली में बीएस-IV डीजल इंजन वाले मध्यम और भारी मालवाहक वाहनों के चलने पर पूर्ण प्रतिबंध है, जब तक वे आवश्यक वस्तुएं न ले जा रहे हों।
4. निर्माण कार्यों पर रोक: हाईवे, फ्लाईओवर, पाइपलाइन, टेली-कम्युनिकेशन और अन्य गैर-जरूरी निर्माण गतिविधियां पूरी तरह से बंद कर दी गई हैं।
स्कूल और दफ्तरों पर असर:
एनसीआर के स्कूलों को ऑनलाइन मोड में चलाने की योजना पर विचार किया जा रहा है।
सरकारी और निजी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति 50% तक सीमित की जा सकती है।
केंद्र और राज्य सरकार के दफ्तरों में वर्क-फ्रॉम-होम की अनुमति पर विचार किया जा रहा है।
गैर-आवश्यक व्यावसायिक गतिविधियों और शैक्षणिक संस्थानों पर भी प्रतिबंध लगाने की संभावना है।
सवाल अब भी बरकरार:
हर साल प्रदूषण संकट के समय यह सवाल उठता है कि आखिर इस स्थिति के लिए जिम्मेदार कौन है? दिल्ली सरकार केंद्र पर आरोप लगाती है, और केंद्र सरकार दिल्ली सरकार पर। इस बीच आम नागरिक इस संकट का खामियाजा भुगतते हैं।
इस समस्या का समाधान तभी संभव है जब सभी पक्ष गंभीरता से मिलकर ठोस कदम उठाएं। इस स्थिति का असली जिम्मेदार कौन है इस पर आपकी क्या राय है? अपने विचार जरूर कमेंट बॉक्स में लिखे ।
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