रंजन अभिषेक, संवाददाता
टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (10 अक्टूबर 2023): बिहार में जातीय जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक कर दिए गए हैं। जिसके बाद सियासत गरमा गई है और आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सभी सियासी पार्टियां अपने अपने हिसाब से इस मामले पर अपना विचार व्यक्त कर रही है।
बीते सोमवार को चुनाव आयोग द्वारा पांच राज्यों में विधानभा चुनाव के तारीखों का ऐलान किया गया। जिसके बाद कांग्रेस कार्यसमिति की अहम बैठक संपन्न हुई। बैठक के बाद राहुल गांधी ने कहा कि पूरे देश में जातीय जनगणना होनी चाहिए, यह पूरे देश की मांग है।
जातीय जनगणना को लेकर क्या कहते हैं सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता?
विपक्ष द्वारा देशभर में उठाए जा रहे जातीय जनगणना की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ एपी सिंह ने रंजन अभिषेक से टेलीफोनिक बातचीत में बताया कि ” यह मांग पूरी तरह से गलत है। विपक्ष केवल राजनीतिक रोटियां सेंकने में लगा है। जबकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीबों की भलाई के लिए काम कर रहे हैं। गरीब किसी भी जाति का हो पीएम मोदी उनके लिए काम कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि ” जिस तरह से अंग्रेज ने हमपर फुट डालो और राज करो की नीति अपनाकर शासन किया ठीक उसी तरह विपक्ष फुट डालकर शासन करना चाहता है, जो बिलकुल गलत है।”
बिहार में जातीय जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक करना गलत: डॉ एपी सिंह
बिहार में जाति जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक किए जानेपर उन्होंने कहा कि ” यह गलत है क्योंकि मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है ऐसे में इसे सार्वजनिक करना पूर्णत: गलत है और उच्चतम न्यायालय का अपमान है। ये सब अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस तरह के कृत्य कर रहे हैं।”
आपको बता दें कि बिहार में जातीय जनगणना का आंकड़ा सार्वजनिक कर दिया गया है। जिसके बाद सियासत गरमा गई है।।