टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली, (12/09/2023): दिल्ली भाजपा के उपाध्यक्ष कपिल मिश्रा ने दिल्ली सरकार द्वारा पटाखों के बैन को तुष्टिकरण की राजनीति करार देते हुए कहा कि पिछले कुछ सालों से अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार प्रदूषण से नहीं बल्कि दिवाली के उत्साह से लड़ रही है, और जैसे ही दिवाली नजदीक आता है वैसे ही पटाखों पर बैन कर देती है। जबकि आई.आई.टी. दिल्ली की रिपोर्ट के अनुसार पटाखों से सिर्फ 2 फीसदी प्रदूषण फैलता है।
इसलिए सबसे पहले अरविंद केजरीवाल 98 फीसदी प्रदूषण से निपटने के लिए उठाए गए कदम का ब्योरा दिल्ली की जनता को दिखाए। कपिल मिश्रा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर को भी दरकिनार किया है और दिवाली पर पटाखों पर बैन लगाकर अपनी नियत एक बार फिर से साफ कर दी है।
भाजपा ग्रीन पटाखों को चलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय को लागू करने की मांग करती है। उन्होंने कहा कि पंजाब चुनाव से पहले पराली से प्रदूषण रोकने की मैजिक सोल्यूशन की बात करने वाले केजरीवाल ने आखिर अब तक क्या किया। पराली घोल पर 60 करोड़ रुपये के विज्ञापन का भी अब तक कोई फायदा नहीं हुआ।
कपिल मिश्रा ने कहा पंजाब में आज आम आदमी पार्टी की सरकार है और आज भी दिल्ली वाले प्रदूषण से घुट रहे हैं। ऑड-ईवन, डस्ट फ्री सड़के, एयर प्यूरीफायर सहित 16 प्वाइंट्स जो सुप्रीम कोर्ट के एफिडेफिट में दिए गए उनका पालन आज तक नहीं किया गया। प्रदूषण से लड़ने के लिए भाजपा दिल्ली सरकार के साथ है, लेकिन प्रदूषण की आड़ में केजरीवाल सरकार किसी एक धर्म के पर्व को टारगेट करें यह बर्दास्त नहीं है।
उन्होंने कहा कि अचानक लाया गया प्रतिबंध दिल्ली के पटाखा व्यापारियों के साथ धोखा है और एक इकोनॉमिक चोट है। अगर यह ऐलान कुछ महीने पहले कर दिया जाता तो शायद व्यापारी इसके लिए तैयार होते लेकिन आज उनके साथ भी धोखा किया गया है। प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि दिल्ली सरकार के पास हर साल कमर्शियल वाहनों के माध्यम से लगभग 500 से 600 करोड़ रुपये पर्यावरण सेस के रुप में आता है, लेकिन उन पैसो का दिल्ली सरकार ने क्या किया, इसकी आज तक कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि उन पैसों से अगर दिल्ली सरकार हरियाणा और पंजाब के किसानों को मुआवज़ा दे देती तो सम्भवतः वे पराली ना जलाए और प्रदूषण को बहुत हद तक कम किया जा सकता है।।