अजीत डोभाल भी क्या अब सत्ताधारी पार्टी के प्रवक्ता बन गए हैं ??*

CA राजेश्वर पैन्यूली
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rajeshwar.painuly

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल जी ने कहा की *भारत को अगले 10 साल मजबूत, स्थायी और निर्णायक सरकार की जरूरत है।*

निर्णानायक से मतलब ये तो नहीं हो सकता कि जैसे की नोट बन्दी , गलत तरीके से लगाया जी एस टी (GST) ,तथाकथित 3500 हजार करोड रूपये का राफेल लाड़कु विमान घोटाला आदि इट्यादी|

निर्णय वो जो है जनता के फायदे और देश के विकाश के लिये हो विपक्ष को विश्वास मे ले कर लिए जाए| और मजबूती का मतलब ये नहीं कि ढ़ाई आदमी केन्द्र मे बैठ करके संविधान और लोकतांतत्रिक मुल्यों की परवाह ना करके अपने निर्णय जनता पर जबर्दस्ती थोपे |

श्री डोभाल जिनकी ख्याती एक बहुत सच्चे सुलझे और अच्छे नौकर शाह माने ज़ाते हैं ..ज़िनकी छवी अभी तक बहुत अच्छी है जनता मे |अब उन्हे ये भी
शायद बहुत अच्छी तरह से पता होगा की वो अभी भी नौकर शाह हैं ना की नेता ..l

उनकी भाषा से एेसा आभास हो रहा है की उनमे अहंकार आ गया है और वो सत्ताधारीयों की राजनितिक महत्त्वकांक्षा की पूर्ती करने वाले मोहरे की तरह इस्तेमाल किये जा रहे हैं या अपने स्वार्थ की पूर्ती के लिए जो कि शायद उन्हे अपने सपुत्र को पौड़ी लोकसभा से भाजपा के प्रत्याशी के रूप मे लडाने की तैयारी मे एेसा राजनितिक वक्तव्य देना पडा हो ..l

शायद पुत्र प्रेम देश प्रेम से बड़ा लगने लगा है ….???
श्री ड़ोभाल को ये ज्ञान की भीजरूरत है की इस देश मे दूसरी पार्टी भी हैं इस देश मे जनतंत्र है, ये देश जन्तांत्रिक है और ये अधिकार जनता के पास है की कौन सरकार मे रहे ..l

ये फैसला नौकरशाही ना ले सकती है ना सुझाव दे सकती है ..l

श्री डोभाल को अगर राजनीति ही करनी है तो अच्छा होता की वो खुल कर राजनीती मे आये ..l उनका स्वागत है .ना की नौकरशाह रह कर एक पार्टी विशेष का पक्ष लें ..l

उम्मीद करता हूँ की श्री अजीत डोभाल जो उत्तराखण्ड की सान हैं श्री मोदी & कम्पनी की छवी ठीक करने के चक्कर मे अपनी छवी को नुक़सान ना पहूँचा दें l