दिल्ली पुलिस की याचिका के निपटारे तक मनीष सिसोदिया वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में होंगे पेश

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (01/06/2023): आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ हुई बदसलूकी के बाद दिल्ली पुलिस ने उनकी सुरक्षा को लेकर राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका दायर की थी। राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि जब तक याचिका का निपटारा नहीं हो जाता है, तब तक मनीष सिसोदिया की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी होगी। साथ ही कोर्ट ने 23 मई के सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित रखने का आदेश दिया है, जिसमें आरोप लगाया था कि सुरक्षाकर्मियों ने कोर्ट के अंदर उनके साथ बदसलूकी किया था।

मनीष सिसोदिया को आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कोर्ट में पेश किया गया। उन्हें अगली सुनवाई में भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कोर्ट में पेश किया जाएगा। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि दिल्ली पुलिस की अर्जी सुरक्षा को लेकर दाखिल की गई है, जब तक अर्जी पर फैसला नहीं हो जाता, तब तक मनीष सिसोदिया को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ही अदालत में पेश किया जाएगा और अदालत में व्यक्तिगत पेशी नहीं होगी।

ईडी ने कोर्ट को कहा कि आबकारी नीति मामले में सभी आरोपियों को चार्जशीट की कॉपी दे दिया गया है। तो वहीं सुनवाई के दौरान मनीष सिसोदिया के वकील ने कहा कि उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया है। पुलिस मनीष सिसोदिया की गर्दन पकड़कर लेकर गई क्योंकि वह मीडिया के सवालों के जवाब दे रहे थे। कोर्ट ने इस दौरान मनीष सिसोदिया से पूछा कि क्या पिछली पेशी पर उनके साथ बदतमीजी हुई थी? साथ ही कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की पेशी के दौरान भीड़ इकठ्ठा होने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर मीडिया पर बैन लगाने की ज़रूरत होगी तो उसपर भी विचार करेंगे। मनीष सिसोदिया को सिर्फ परिवार के सदस्यों और वकीलों से मिलने की इजाजत होगी वह किसी बाहर के व्यक्ति से मुलाकात नहीं करेंगे।

तो वहीं मनीष सिसोदिया के वकील ने कहा कि मीडिया ने सवाल किया था जिसका वह जवाब दे रहे थे और उस समय आम आदमी पार्टी का कोई भी कार्यकर्ता मौजूद नहीं था। साथ ही कि मनीष सिसोदिया के वकील ने कहा कि कोर्ट को CCTV फुटेज भी मंगाकर देखनी चाहिए। जज ने मनीष सिसोदिया से पूछा कि क्या आपको वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी का मौका दिया जाए या व्यक्तिगत पेश होना चाहते हैं? सिसोदिया ने कहा कि मैं व्यक्तिगत कोर्ट मे पेश होना चाहता हूं।