टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (21 जनवरी 2023): राजधानी दिल्ली से अच्छी खबर सामने आ रही है। AIU के ज्वाइंट सेक्रेटरी डॉक्टर आलोक मिश्रा की तबियत में तेजी से सुधार हो रहा है। बता दें कि डॉक्टर आलोक कुमार मिश्रा देश के प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक हैं और एम्स दिल्ली के पोस्ट डॉक्टर फेलो रहे हैं।
ज्ञात हो कि पिछले दिनों, 28 नवंबर 2022 की रात करीब 9 बजे डॉक्टर मिश्रा ऑफिस से अपनी एंबेसेडर कार से घर की तरफ जा रहे थे। तभी अचानक दिल्ली के इंडिया गेट से कुछ दूरी पर UPSC भवन के पास लगभग 100 की स्पीड से रॉन्ग साइड से आ रही ऑडी कार ने टक्कर मार दी, जिसमें ड्राइवर के साथ- साथ डॉक्टर आलोक कुमार मिश्रा गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के दौरान सैकड़ो लोग घटनास्थल पर इकट्ठा हो गए, जिसमें से एक 14 साल का बच्चा अरमान और उसके ऑटो चालक पिता ने अपनी जिंदादिली दिखाते हुए खून से लथपथ डॉक्टर मिश्रा और उनके ड्रावर को एम्बेस्डर कार से निकालकर बिना समय गवाए एम्स ट्रामा सेंटर में पहुंचाया। डॉक्टर सुषमा सागर के निर्देशन में पूरी टीम ने फ़ौरन इलाज शुरू कर दिया, डॉक्टर मिश्रा के सर पर 68 टाँके लगे और ड्राइवर के पेट का ऑपरेशन करना पड़ा।
कुछ दिनों बाद उनकी पत्नी डॉक्टर मीना मिश्रा की देख-रेख में डॉक्टर आलोक मिश्रा को डिस्चार्ज कर दिया गया। आज करीबन डेढ़ महीने के बाद डॉक्टर मिश्रा के चोट में काफी सुधार हो रहा है। जिसके बाद डॉक्टर मिश्रा ने अपने सभी शुभचिंतको को उनके दुआओं और प्रार्थनाओं के लिए धन्यवाद दिया।
डॉक्टर मिश्रा ने अस्पताल पहुंचाने वाले 14 साल के बच्चे अरमान और उसके ऑटो ड्राइवर पिता को ढूंढकर सरकार के द्वारा फरिश्ते अवार्ड दिलवा कर उन्हें सम्मानित करवाया और हेड कांस्टेबल बाबू लाल मीना को विशेष सम्मान हेतु दिल्ली पुलिस कमिश्नर को नाम प्रस्तावित किया। ज्वाइंट सेक्रेटरी (AIU) डॉक्टर आलोक मिश्रा ने 14 साल के बहादुर अरमान के लिए आगे भी मदद की बात कही, और डॉक्टर मिश्रा ने आशा जताई की नई शिक्षा पद्धति 2020 के द्वारा भारतीय शिक्षा व्यवस्था में हो रहे परिवर्तन से अरमान जैसे मानवीय गुणों से युक्त बहादुर एवं सामाजिक रूप से जिम्मेदार बच्चे देखने को मिलेंगे।
14 वर्षीय अरमान ने कहा कि अस्पताल ले जाने के क्रम में “मैं बीच में बैठा था, और सर (डॉ आलोक मिश्रा) के सिर से काफी खून निकल रहा था, इसलिए हमने कपड़ा लगा रखा था, ताकि उनके सिर से खून ना निकले।”
अरमान के पिता ने उस पूरे वाकिये का जिक्र करते हुए कहा कि “जब हमने देखा तो साहब (डॉ आलोक मिश्रा) के सिर में चोट लगी थी और काफी खून बह रहा था, वो मदद के लिए पुकार रहे थे। तभी हमने उन्हें और ड्राइवर को ऑटो में बिठाया और दिल्ली एम्स ट्रॉमा सेंटर में उन्हें भर्ती कराया।”
वहीं उस रात के दृश्य के बारे में बताते हुए हेड कांस्टेबल बाबू लाल मीना ने कहा कि “उस दिन मेरी ड्यूटी एम्स ट्रामा सेंटर में करीब रात नौ बजे थी, तभी अचानक से एक ऑटो वाला आया और उसने कहा कि एक्सीडेंट में घायल दो लोगों को लेकर आया हूं, हमने देखा कि ऑटो में एक बच्चा ने पेशेंट का सर पकड़ा हुआ था जिसमे से काफी खून बह रहा था। वह बच्चा बहादुरी से खून रोकने की कोशिश कर रहा था।”
वहीं मेडिकल कर्मियों और डॉक्टर्स ने कहा कि सही समय पर डॉ मिश्रा को अस्पताल पहुंचाया गया और इसीलिए हम उनका इलाज कर पाए और आज वो ठीक हैं।।