अरविंद केजरीवाल को भारी पड़ सकता है इस्तीफे का ऐलान! ये मुख्यमंत्री ले चुके हैं रिस्क

रिपोर्ट: रंजन अभिषेक

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (16 सितंबर 2024): दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने रविवार को सीएम पद छोड़ने की घोषणा कर दी। उन्होंने रविवार को कहा कि वह दिल्ली के सीएम पद से अगले दो दिनों में इस्तीफा दे देंगे। अरविंद केजरीवाल की घोषणा के बाद दिल्ली में चर्चा तेज हो गई है कि, दिल्ली का अगला सीएम कौन होगा ? हालांकि केजरीवाल ने कहा कि इसका फैसला विधायक दल की बैठक में किया जाएगा। केजरीवाल के इस फैसले पर राजनीतिक चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। कई सियासी पंडित यह सवाल उठा रहे हैं कि केजरीवाल को अपना यह फैसला भारी पड़ सकता है!, ऐसा क्यों कहा जा रहा है , समझिए इस खास रिपोर्ट (Special Report) में।

इस्तीफे के फैसले से केजरीवाल को होगा नुकसान?

अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा का ऐलान कर जनता का विश्वास जीतने की कोशिश की है। लेकिन उनका यह कदम खतरे की घंटी भी साबित हो सकता है। दरअसल, केजरीवाल ने कहा कि वह और मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) सीएम पद की दौड़ में नहीं है। इसका मतलब यह है कि वह किसी और को सीएम बनाएंगे। ऐसे में अब समस्या यह है कि अगर कोई और व्यक्ति सीएम बन जाता है तो फिर वह अपने पद से हटना नहीं चाहता और उसके कई राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं होती है। इसका नतीजा आपसी मनमुटाव और टकराव से होते हुए अलगाव तक जाता है, बिहार और झारखंड इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है।

बिहार और झारखंड में ‘दोस्त बने दुश्मन’

इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है बिहार और झारखंड, बिहार में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) के लिए अपनी सीट खाली की थी, लेकिन बाद में दोनों के बीच काफी सियासी संघर्ष देखा गया। इसी तरह झारखंड में भी हुआ जहां हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने मुख्यमंत्री पद चंपई सोरेन (Champai Soren) को दिया लेकिन बाद में हेमंत सोरेन की वापसी हुई तो झारखंड मुक्ति मोर्चा में खूब उठापटक हुई और इसका नतीजा यह हुआ कि चंपई सोरेन बागी हो गए।

केजरीवाल ने क्या कहा

आपको बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि “आज से 2 दिन के बाद में इस्तीफा देने जा रहा हूं। मैं तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा, जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुना देती कि केजरीवाल ईमानदार है। अगर आपको लगता है कि, केजरीवाल ईमानदार है तो मेरे पक्ष में जमकर वोट देना। मेरे इस्तीफा देने के बाद दिल्ली विधानसभा भंग नहीं होगी, आम आदमी पार्टी के विधायक दल की बैठक में नया मुख्यमंत्री चुना जाएगा।”

केजरीवाल ने आगे कहा मनीष सिसोदिया ने भी कहा है कि वह भी डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री का पद तभी संभालेंगे जब जनता की अदालत से चुनकर आ जाएंगे। मेरी मांग है कि फॉरन चुनाव कराया जाए, नवंबर में महाराष्ट्र के साथ चुनाव करवाया जाए । नए सीएम का चुनाव अगले एक-दो दिन में हो जाएगा।।

 

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