यूनीफाइ पेंशन योजना (UPS) को लेकर क्या बोले AINPSEF के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ मंजीत सिंह पटेल

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (30 अगस्त 2024): केंद्र की मोदी सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन योजना (UPS) पर मुहर लगा दी गई है। UPS आने के बाद से ही देशभर के पेंशनधारियों के बीच यह मुद्दा जोरों पर हैं। इस योजना से होने वाले लाभ और नुकसान पर चर्चाएं काफी तेज हो गई है। इसी कड़ी में टेन न्यूज नेटवर्क द्वारा प्रस्तुत खास कार्यक्रम “One 2 One With Ranjan Abhishek” में उक्त विषय पर व्यापक चर्चा आयोजित की गई। कार्यक्रम का संचालन टेन न्यूज नेटवर्क के समाचार प्रस्तोता रंजन अभिषेक ने किया वहीं अतिथि वक्ता के रूप में ऑल इंडिया NPS एम्प्लॉयज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ मंजीत सिंह पटेल उपस्थित रहे।

डॉ मंजीत सिंह ने पक्ष रखते हुए कहा कि NPS (New Pension Scheme) 2004 से चल रही है। अब उसका नाम UPS (Unified Pension Scheme) यूनिफाइड पेंशन स्कीम रखा गया है। इस योजना की बारीकियों को डॉ मंजीत ने समझाया और कहा कि 90-92 लाख कर्मचारी केंद्रीय और राज्यों से आते हैं, वह लगातार पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं। उसमें निश्चित सर्विस पूरी करने के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी हो जाती है। अभी जो 24 तारीख को प्रधान मंत्री जी ने मीटिंग की उसके बाद कैबिनेट सचिव सोमनाथ जी उनके माध्यम से जो न्यूज निकली है उसमे उन्होंने एक नया क्राइटेरिया बना दिया जिसका नाम यूपीएस(यूनिफाइड पेंशन स्कीम) रखा गया है। अब उन्होंने ये कहा कि जो कर्मचारी निश्चित पेंशन चाहते हैं, उनकी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता के अनुपात में जैसे कि पहले चल रही थी 50% इतनी नौकरी पूरी करने के बाद एनपीएस में क्या है टोटल कर पास होता था उसका 60% फंड के रूप में देते थे 40℅ की पेंशन के रूप मे बांटी जाती थी। एनपीएस से यूपीएस में स्विच करेंगे उन सभी के लिए सरकार अपने कंट्रीब्यूशन को 14 से बढ़ा कर 18.50% परसेंट कर देंगे, दूसरी बात जिसकी नौकरी को 25 साल पूरे हो जाएंगे और 25 साल पूरे होने के बाद रिटायर होगा तो उस केस में उसे व्यक्ति को जो लास्ट साल की यानी 12 महीने की जो सैलरी होगी उसका अनुपात निकाल करके वह मोटा-मोटा एवरेज निकाल कर अंतिम बेसिक सैलरी का आधा प्लस यानी 50% पेंशन की गारंटी 25 साल की नौकरी जरूरी है, दूसरी जो शर्त है वो खतरनाक शर्त है कि अब तक जितना भी पैसा कर्मचारी का कटा होगा जोकि 10% के रूप में कटा है, सरकार डाल रही है जोकि 14 डाल रही थी अब 18.5 % होगा। यह सारा फंड जितना इकट्ठा हो गया यह सरकार 50% की गारंटी दे अगर 25 साल से नौकरी कम है उसी अनुपात मे पेंशन कम होती जायेगी।

देशभर के 90-92 लाख लोग अपनी 10% सैलरी इनको कंट्रीब्यूट करते हैं, इसके बदले में भारत सरकार या राज्य सरकार भी 14% कंट्रीब्यूशन देती है, यह सारा मिलकर के 12000 करोड़ महीना मिलता है जो की 4000 करोड रुपए एलआईसी को 4000 करोड़ भारत सरकार एनपीएस को डिस्क्राइब कर जाता है। जिस राज्य में जितने साल की नौकरी के बाद जितने प्रतिशत पेंशन देने का प्रावधान था उसके तहत उसकी उतनी पेंशन दी जाए।

आगे उन्होंने इस योजना की राजनीकितकरण को लेकर कहा कि कोई भी सरकार चाहे वो कांग्रेस हो,भाजपा हो या आम आदमी पार्टी हो इस दिशा में बहुत सकारात्मक नजर नहीं आती है। उन्होंने कहा कि आज भले विपक्ष सरकार पर हमला बोल रही है लेकिन जिन राज्यों में विपक्ष की सरकार है उन राज्यों में भी ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग जारी है। लेकिन सरकारें वहां भी इस पर ध्यान नहीं दे रही है। आखिरी में बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि हम ओल्ड पेंशन योजना की लड़ाई को लड़ते रहेंगे और मुझे पूरी उम्मीद है कि जीत हमारी होगी।

इस खास कार्यक्रम में टेन न्यूज नेटवर्क के संस्थापक एवं भारतीय अर्थशास्त्र के जानकार गजानन माली भी शामिल हुए और उन्होंने भी इस योजना के लाभ एवं नुकसान पर चर्चा की और साथ ही उन्होंने 90-92 लाख संघर्षरत कर्मचारियों के प्रति अपने समर्थन की प्रतिबद्धता भी जताई।।


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