टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (11 मार्च 2024): स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा चुनावी बॉन्ड की जानकारी देने के लिए 30 जून तक की मोहलत की मांग वाली अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। SBI की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बैंक को चुनाव आयोग को चुनावी बांड का विवरण जमा करने के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता है। साल्वे का कहना है कि SBI की समस्या यह है कि पूरी प्रक्रिया को उलटना पड़ेगा। एसओपी ने सुनिश्चित किया था कि कोर बैंकिंग सिस्टम और बांड नंबर में खरीदार का कोई नाम नहीं हो।
SBI के वकील साल्वे ने दलील दी कि इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने की तारीख और खरीदने वाले का नाम एक साथ उपलब्ध नहीं है, उसे कोड किया गया है। उसे डिकोड करने में समय लगेगा।
CJI ने कहा कि आप के एप्लीकेशन में ही कहा गया है कि डोनर्स का डिटेल सील्ड कवर में संबंधित ब्रांच में रखा गया था। और सभी सील्ड कवर मुंबई मेन ब्रांच में भेज दिया गया है। जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि मिस्टर साल्वे, केवल सील्ड कवर को खोलना है, दिक्कत कहां है ?
कोर्ट ने पूछा कि पिछले 26 दिन में एसबीआई ने क्या किया ? यह बात आपकी अर्जी में नहीं बताई गई है। यह बताना था कि कोर्ट के आदेश के बाद एसबीआई ने डाटा उपलब्ध कराने के लिए क्या क्या ? SBI ने सुप्रीम कोर्ट में चुनावी बॉन्ड का ब्यौरा देने के लिए और मोहलत देने की मांग की है, यह एप्लीकेशन असिस्टेंट जेनरल मैनेजर के तरफ से दायर हुई है। कोर्ट ने इसपर नाराज़गी जताते हुए कहा कि एसबीआई की गंभीरता इसी बात से जाहिर हो रही है कि एक असिस्टेंट जेनरल मैनेजर सुप्रीम कोर्ट के आदेश में बदलाव की मांग कर रहा है।।
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