टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली, (14 अक्टूबर 2023): दिल्ली के जंतर मंतर पर पांच दिवस बैंकिंग संघर्ष मोर्चा के बैनर तले 5 दिन की बैंकिंग की मांग को लेकर बैंक कर्मचारियों ने जंतर मंतर से वित्तिय सेवाएं विभाग, संसद मार्ग तक केंडल मार्च का आयोजन किया। पांच दिवस की बैंकिंग को जल्दी लागू कराने के लिए एक ज्ञापन भी सेक्रेटरी वित्तिय सेवाएं विभाग को सौंपा।
5 डे बैंकिंग संघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक मनमोहन गुप्ता ने कहा कि अभी बैंकों में दूसरें और चोथे शनिवार को अवकाश रहता है। यह दो दिन का अवकाश 1.9.2015 से लागू हुआ था। बैंक कर्मचारी लम्बे समय से 5 दिन की बैंकिंग की मांग कर रहे हैं। 2015 से पहले भी बैंक कर्मचारियों की यही मांग थी, लेकिन सप्ताह के बाकि दिनों में काम का समय बढ़ाने पर सहमती न होने के कारण 5 दिन की बैंकिंग लागू नहीं हो सकी और केवल दुसरे और चौथे शनिवार को ही अवकाश घोषित हो पाया। मनमोहन गुप्ता ने कहा कि बैंक कर्मचारी उसके बाद भी लगातार 5 दिन की मांग कर रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग, रिजर्व बैंक, नाबार्ड और एल.आई.सी. में भी 5 दिन का सप्ताह है। सप्ताह में 5 दिन से जहाँ कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ती है वहीं बैंकों के खर्चों में भी कमी आता है। पर्यावरण की दृष्टि से भी इसका लाभ होता है। वैसे भी आज के डिजिटल बैंकिंग के युग में शनिवार के अवकाश से कोई फर्क नहीं पड़ता।
फरवरी 2023 को United Form of Bank Unions (UFBU) और Indian Banks Association (IBA) में 5 दिन की बैंकिंग और सप्ताह के बाके दिनों में काम के समय को बढ़ाने की सहमती हो जाने के बाद भी इस लागू क्यों नहीं किया जा रहा ? बैंक कर्मचारियों की मांग है कि 5 दिन की बैंकिंग को तुरंत लागू किया जाये।
प्रदर्शन में शामिल अश्विनी राणा ने टेन न्यूज से बताया कि बैंक कर्मचारी उसके बाद भी लगातार 5 दिन की मांग कर रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग, रिजर्व बैंक, नाबार्ड और एल.आई.सी. में भी 5 दिन का सप्ताह है। सप्ताह में 5 दिन से जहाँ कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ती है। वहीं, बैंकों के खर्चों में भी कमी आता है. पर्यावरण की दृष्टि से भी इसका लाभ होता है। वैसे भी आज के डिजिटल बैंकिंग के युग में शनिवार के अवकाश से कोई फर्क नहीं पड़ता। अश्विनी राणा ने कहा कि दिल्ली के जंतर मंतर से आज हम लोग एक शुरुआत किए हैं। आगे अगर हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तो हम मोर्चे पर अपनी मांगों को आगे बढ़ाने का काम करेंगे। यह हमारी जायज मांग है देश के अलग-अलग राज्यों से आज बैंक कर्मचारी जंतर मंतर पर अपना रोष प्रकट करने आए हैं। सरकार को हम एक चेतावनी दे रहे हैं अगर हमारी मांग को नजरअंदाज किया जाता है तो आने वाले दिनों में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।।