टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली, (13/09/2023): केंद्र सरकार द्वारा लाई गई नई शिक्षा नीति का जमकर विरोध हो रहा है। नई शिक्षा नीति को लेकर पूरे देश में व्यापक विरोध प्रदर्शन के बीच आज दिल्ली के जंतर मंतर पर भी इसका जमकर विरोध हुआ। जंतर मंतर पर प्रदर्शन में शामिल AIFUCTO के जनरल सेक्रेटरी प्रोफेसर डॉक्टर अरुण कुमार ने कहा कि एनईपी-2020 के अलोकतांत्रिक कार्यान्वयन के बाद से हमारी प्रार्थनाएं विरोध प्रदर्शन आंदोलनात्मक कार्यक्रमों की श्रृंखला भारत सरकार के कानों तक नहीं पहुंची है।
अरुण कुमार ने कहा कि अन्य वैकल्पिक और परामर्शी प्रक्रियाओं की अनदेखी न होने पर, एआईएफयूसीटीओ – जेएफएमई ने आज धरना कार्यक्रम का आह्वान किया है। जंतर मंतर नई दिल्ली में भारत सरकार की मानसिकता के खिलाफ अपनी गहरी नाराजगी प्रदर्शित करने के लिए हमलोग आज आए हैं। प्राथमिक विद्यालयों से लेकर विश्वविद्यालयों तक के हजारों शिक्षक, छात्र, शैक्षणिक संस्थानों के गैर-शिक्षण कर्मचारी और सार्वजनिक वित्त पोषित शिक्षा प्रणाली के लिए प्रतिबद्ध स्वैच्छिक संगठन नई दिल्ली की सड़कों पर हैं।
धरने पर बैठे शिक्षकों की प्रमुख मांगों में शामिल हैं – एनईपी 2020 को वापस लेना, पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली, शिक्षा पर 10% जीडीपी, शिक्षण और गैर-शिक्षण के सभी रिक्त पदों को नियमित आधार पर भरना। सीयूईटी, एनईईटी जैसे सभी सामान्य राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षाओं को वापस लेना, स्कूलों और कॉलेजों को बंद नहीं करना और शिक्षा की धर्मनिरपेक्ष, वैज्ञानिक, लोकतांत्रिक और संघीय विशेषताओं की रक्षा करना आदि। प्रदर्शन को राष्ट्रीय राजनीतिक दलों, ट्रेड यूनियनों के कई नेताओं ने संबोधित किया।
एआईफुक्टो, जेईएमई और फेडकुटा के घटक वक्ताओं ने मांगों के प्रति अपनी एकजुटता व्यक्त की और एकजुट होकर आगे के संघर्ष का हिस्सा बनने की प्रतिबद्धता जताई। प्रोफेसर केसब भट्टाचार्य, अध्यक्ष एआईफुक्टो, डॉ अरुण कुमार, महासचिव एआईफुक्टो, प्रोफेसर नंदिता नारायण, अध्यक्ष, जेएफएमई, प्रोफेसर अमिय कुमार मोहंती। संयोजक, जेएफएमई, प्रोफेसर डी के लोबियाल, अध्यक्ष फेडकुटा और एआईफुक्टो के अन्य पदाधिकारियों ने पूरे कार्यक्रम का समन्वय किया।।