‘एक देश एक चुनाव’ के लिए कमेटी का गठन, विपक्षी नेताओं ने क्या कहा?

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (01 सितंबर 2023): केंद्र सरकार ने शुक्रवार को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर कमेटी बनाई है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। केंद्र सरकार द्वारा ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ कमेटी की घोषणा के बाद विपक्षी पार्टियां केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर निशाना साध रही है।

आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि “इससे स्पष्ट रूप से पता चलता है कि वे डरे हुए हैं। भारत गठबंधन की पहली दो बैठकों के बाद, उन्होंने एलपीजी की कीमतों में 200 रुपये की कमी की। अब वे संविधान में संशोधन करने के लिए तैयार हैं, लेकिन वे इसके साथ आगामी चुनाव नहीं जीत पाएंगे।”

‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर शिवसेना(उद्धव ठाकरे गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि ” इस मुद्दे पर एक कमेटी बनी है, मैं पूछती हूं कि कमेटी महिलाओं की सुरक्षा, किसानों के अधिकारों, महिला आरक्षण, बेरोजगारी पर कब बनेगी? 3 कमेटी रिपोर्ट पहले ही आ चुकी हैं और वे कमेटी रिपोर्ट कहती हैं कि 5 संशोधन करने पड़ेंगे।”

लोक जनशक्ति पार्टी(राम विलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि “मौजूदा प्रधानमंत्री ने इसे गंभीरता से लिया है। अगर इसे लाया जाता है तो लोक जन शक्ति पार्टी रामविलास इसका समर्थन करेगी। हम चाहते हैं कि ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को लागू किया जाना चाहिए, इसमें कुछ कमियां हैं, कुछ बाधाएं भी होंगी जिसपर चर्चा करने की जरूरत है।”

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा कि “यह केवल संविधान में संशोधन से संभव नहीं है, इसके लिए राज्यों को स्वीकृति देनी होगी। जो भाजपा शासित राज्य हैं- जैसे हरियाणा, महाराष्ट्र वहां उन्हें बस एक प्रस्ताव पारित करना है और विधानसभा भंग हो जाएगी।”

आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि “इंडिया गठबंधन बनने से बौखलाकर, हार के डर से बीजेपी ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की बात कर रही है। BJP को तीनों राज्यों में हार दिखाई दे रही है, इसीलिए ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ कराना चाहती है।”

आपको बता दें कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर कमेटी बनाए जाने पर संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि “अभी तो समिति बनी है, इतना घबराने की बात क्या है? समिति की रिपोर्ट आएगी, फिर पब्लिक डोमेन में चर्चा होगी। संसद में चर्चा होगी। घबराने की बात क्या है?.बस समिति बनाई गई है, इसका अर्थ यह नहीं है कि यह कल से ही हो जाएगा।”