टेन न्यूज नेटवर्क,
नई दिल्ली, (24/07/2023): दिल्ली के जंतर मंतर पर रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण लौटे भारतीय छात्रों ने धरना प्रदर्शन किया है। धरना प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि सरकार हमें दूसरे देश में पढ़ने की अनुमति दें, नहीं तो हमारी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी। क्योंकि यूक्रेन की स्थिति में अभी तक कोई सुधार नहीं आया है, ऐसे में उनका कैरियर बर्बाद हो जाएगा। हालाकि कुछ बच्चे ऑनलाइन क्लास पढ़ रहें हैं। ऑनलाइन क्लास लेने वाले छात्रों का कहना है कि जबतक उनको लैब नहीं मिलेगा, तबतक उनका कोई प्रैक्टिकल नही हो पाएगा। एसे में कैसे पढ़ पाएंगे?
छात्रों ने कहा कि हम वे छात्र हैं जो एनईईटी – एनटीए अधिसूचना में उल्लेखित सभी नियमों का पालन करते हुए 2021 में यूक्रेन में एमबीबीएस चिकित्सा शिक्षा में शामिल हुए और विदेश में प्रवेश के लिए आवेदन के समय विदेशी चिकित्सा शिक्षा पर लागू नियमों और विनियमों का भी पालन किया। हम नेशनल मेडिकल कमीशन फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट के अंतर्गत आते हैं।
वर्ष 2022 में यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध छिड़ने के बाद भारत सरकार द्वारा ऑपरेशन ‘गंगा’ के तहत हमें वापस भारत लाया गया। अब हम 2 साल से ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं और माता-पिता ने हमारी शिक्षा पर बहुत पैसा खर्च किया है। हमारे देश के कानून के अनुसार भारत में ऑनलाइन कक्षाएं मान्य नहीं हैं और हम यह भी जानते हैं कि जब तक हम ऑफलाइन कक्षाओं में शामिल नहीं होंगे तब तक हम एक आदर्श डॉक्टर नहीं बन पाएंगे। हममें से बहुत से लोग, जो खर्च कर सकते थे, नए प्रवेश ले चुके हैं और बहुत से लोग इसमें शामिल हो गए हैं। हममें से अधिकांश नए प्रवेश लेने का जोखिम नहीं उठा सकते। मोबिलिटी प्रोग्राम से जुड़ने वाले छात्र भी गुणवत्ता से संतुष्ट नहीं हैं, हमने यूक्रेन जाने की भी कोशिश की लेकिन ट्रांजिट वीज़ा उपलब्ध न होने के कारण नहीं जा सके।
आगे उन्होंने कहा कि अगर हम यूक्रेन पहुंच भी गए तो हमें अगले 4 साल तक युद्ध क्षेत्र में जानलेवा परिस्थितियों में रहना होगा और हमारे माता-पिता भी मानसिक शांति से नहीं रह पाएंगे। कीव में भारतीय दूतावास ने भी हाल ही में एक आरटीआई के जवाब में एक छात्र को लिखा है। ऐसे में अब यूक्रेन जाना कोई समझदारी भरा फैसला नहीं हो सकता देश ने अपना बुनियादी ढांचा खो दिया है। यूक्रेन में जनजीवन सामान्य नहीं है, युद्ध जारी है। यूक्रेन में हालात जानलेवा है। हम भारत के बच्चे हैं केवल सरकार ने हमारी जान बचाई। हमें अपने अस्तित्व के लिए आपके समर्थन की सख्त जरूरत है हमने कीव, यूक्रेन में भारतीय दूतावास को बड़ी संख्या में पत्र लिखा है, किसी को कोई जवाब नहीं मिला।
छात्रों ने आगे कहा कि हम सब छात्र सरकार से अनुरोध करते हैं कि आप कीव में भारतीय दूतावास को यूक्रेन में युद्ध के बारे में उचित माध्यम से राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को लिखने की सलाह दें और यह भी बताएं कि यूक्रेन अभी भारतीय छात्रों के लिए सुरक्षित नहीं है, इसलिए हमें स्थानांतरण की मांग करने की अनुमति दी जाए। आदरणीय प्रधानमंत्री महोदय, यदि हमें आगे की शिक्षा के लिए स्थानांतरित करने की अनुमति नहीं दी गई तो हमारे माता-पिता का भारी पैसा बर्बाद हो जाएगा और हम अपने करियर के कीमती 2 साल खो देंगे। कृपया किसी अन्य देश में स्थानांतरण के लिए एक बार की छूट के लिए हमारी मदद करें क्योंकि यूक्रेन की स्थिति जीवन के लिए खतरनाक है, यह सभी जानते हैं। हमें आपके सहयोग की आशा है क्योंकि हम निर्दोष हैं और हमने कुछ भी गलत नहीं किया है, लेकिन पूर्ण डॉक्टर बनना चाहते हैं।।