UPSC CSE में हिंदी माध्यम के परिणामों को सुधारना ही मेरे जीवन का लक्ष्य है: रजनीश राज, प्रसिद्ध शिक्षक एवं मार्गदर्शक

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (16 जुलाई 2023): टेन न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम ‘विशेष मुलाकात: संजीवनी एक संघर्ष की कहानी’ में शनिवार को विशेष मेहमान के रूप में उपस्थित रहे इतिहास के प्रसिद्ध शिक्षक, शिक्षाविद्, इतिहासकार, सिविल सेवा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के मार्गदर्शक, साहिंता आईएएस संस्थान के संस्थापक रजनीश राज। वहीं इस कार्यक्रम का संचालन भारतीय गायिका एवं रागाटेक के निदेशक रक्षा त्रिपाठी ने किया। इस कार्यक्रम के दौरान अतिथि रजनीश राज ने अपनी जीवन यात्रा, संघर्ष और सफलता की कहानी और सफलता के मूल मंत्र को लेकर व्यापक चर्चा की।

प्रसिद्ध शिक्षक रजनीश राज का बचपन

टेन न्यूज नेटवर्क के इस खास कार्यक्रम में बातचीत के दौरान जब संचालिका रक्षा त्रिपाठी ने रजनीश राज से उनके बचपन और शुरुआती शिक्षा को लेकर पूछा तो उन्होंने कहा कि उनका जीवन काफी उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। बिहार के पटना के सीमांत क्षेत्र के मूल निवासी हैं रजनीश राज। उन्होंने कहा कि उनकी पढ़ाई कक्षा पांच से एक ग्रामीण विद्यालय में शुरू हुई। वो पढ़ने में ठीक -ठाक छात्र थे। 10वीं की परीक्षा से ठीक पहले उनका हाथ टूट गया और जिस कारण से उनकी तैयारी बाधित हो गई और दसवीं कक्षा में वो सामान्य अंकों से परीक्षा उत्तीर्ण किए। कक्षा 12वीं में मानविकी विषयों से उन्होंने परीक्षा दिया और उत्तीर्ण हुए और बिहार के ही एक विश्वविद्यालय से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की और फिर आ गए दिल्ली विश्वविद्यालय। दिल्ली विश्वविद्यालय से इन्होंने स्नातकोत्तर, कानून, मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई की।

एक व्यापारी मार्गदर्शक नहीं हो सकता: रजनीश राज

इतिहास के प्रसिद्ध शिक्षक रजनीश राज ने टेन न्यूज नेटवर्क के इस संवाद चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि इस परीक्षा में हावर्ड वालों की लड़ाई एक सामान्य बीए वालों से है। आईटीआई वालों की लड़ाई आईआईटी वालों से है। और इस लड़ाई को जीतने के लिए मार्गदर्शन बहुत जरूरी है, और एक व्यापारी कभी मार्गदर्शक नहीं हो सकता है। मेरी कामयाबी मेरे बैंक बैलेंस से नहीं हो सकती, मेरी कामयाबी का मानक सिविल सेवा के क्षेत्र में सफल अभ्यर्थी की संख्या से है।

हिंदी माध्यम और अंग्रेजी माध्यम के छात्रों में क्या अंतर है?

जब रजनीश राज से कार्यक्रम की संचालिका रक्षा त्रिपाठी ने पूछ कि जब आपके पास बच्चे आते है तो क्या कभी आपने किसी बच्चे से ये भी कहा कि ये तुम्हारे बस की नहीं है? जवाब देते हुए कहा रजनीश राज ने कहा कि जब बच्चे मेरे पास आते हैं,तो उससे पहले वो खुद ही हजारों किलोमीटर की यात्रा पूरी करके आते हैं। तो उनके भीतर कुछ तो होता है जो उसे लेकर आता है। आगे उन्होंने कहा कि अंग्रेजी माध्यम और हिंदी माध्यम के छात्रों के बीच एक अंतर होता है कि हिंदी माध्यम का छात्र सदैव अपने महत्वाकांक्षाओं और सुरक्षा के बीच संघर्ष करता रहता है, तो एक मार्गदर्शक और शिक्षक होने के नाते मुझे उनके सपने को उनके भीतर बांध कर रखना होता है। प्रतिभा सबके भीतर होती है, लेकिन जिजीविषा, दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास जरूरी है। अपने सपनों को साकार करने के लिए कृत संकल्पित होना जरूरी है। रजनीश राज ने कहा कि मैं छात्रों की भलाई सोचता हूं उनकी वाहवाही लेने और उनसे मेरे विषय में बड़ाई सुनने की मेरी कोई अभिलाषा नहीं है। अगर मुझे लगा कि किसी छात्र को ये कहने में उसकी भलाई है कि ‘ये तुमसे नहीं होगा’ मैं ये कहने से भी पीछे नहीं हटूंगा।

रजनीश राज ने सुनाई एक सफल अभ्यर्थी की कहानी

इतिहास के प्रसिद्ध शिक्षक और मार्गदर्शक रजनीश राज ने बातचीत के दौरान कहा कि मेरा एक सफल छात्र है, उसने जब सफलता हासिल की तो उस समय उनके ऊपर पांच लाख रुपए का कर्ज था। पारिवारिक पृष्ठभूमि काफी सामान्य था, सफलता हासिल करने में काफी वक्त लगा बावजूद इसके उसने सफलता हासिल की, इस परीक्षा में आपका आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प काफी आवश्यक है। और साथ चाहिए एक उत्तम मार्गदर्शक का, जब एक छात्र और एक मार्गदर्शक का संयोग हो जाता है तो सर्वोत्तम की प्राप्ति होती है। और अगर आपके भीतर आत्मविश्वास है तो संसाधन आपके लिए बाधा नहीं बन सकता है।

करियर चुनने के क्या है जरूरी?

संचालिका रक्षा त्रिपाठी ने जब बच्चों के करियर चुनने से जुड़े सवाल पूछे तो रजनीश राज ने जवाब देते हुए कहा कि किसी भी बच्चे को सफलता हासिल करने के लिए उस बच्चे के उस समय वह जिस भी कक्षा में है उसे लेकर गंभीर होना चाहिए, यदि वह बच्चा कक्षा 9 का छात्र है तो वो कक्षा 9 को लेकर अधिक गंभीर हो ना कि भविष्य में आईआईटी करना है आईएएस बनना है इसे लेकर। साथ ही बच्चे के भीतर किताबी ज्ञान के साथ-साथ मानसिक और शारीरिक विकास होना भी बहुत अनिवार्य है। सफलता हासिल करने के लिए एकाग्रता और अनुशासन बहुत जरूरी है। बच्चों का दुश्मन है मोबाइल, यदि उस बच्चे को मोबाइल की लत लग गई तो वो कुछ भी बड़ा नहीं कर सकता। आगे उन्होंने अभिभावकों से कहा कि बच्चों के भीतर की संभावनाओं को समझे अपने सपनों को बच्चों से साकार करने की कोशिश नहीं करें बल्कि बच्चों के भीतर के सपने को साकार करने की कोशिश कीजिए।

व्यक्ति को अपने सपनों का पीछा तो करना ही चाहिए: रजनीश राज

जब कार्यक्रम की संचालिका रक्षा त्रिपाठी ने सिविल सेवा की तैयारी में लगने वाले समय को लेकर सवाल किया तो जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपने सपने का पीछा तो करना ही चाहिए, क्योंकि सपने का पीछा करने में जो संघर्ष है उसमें काफी मजा आता है और जीवन कोई व्यापार तो है नहीं कि आप खाता-बही लेकर बैठ जाएंगे कि क्या खोया और क्या पाया?। प्रतिस्पर्धा अधिक है तो थोड़ा वक्त लगेगा लेकिन कृत संकल्पित होना अनिवार्य है।

ऑनलाइन कोचिंग को लेकर प्रसिद्ध शिक्षक रजनीश राज ने क्या कहा?

प्रसिद्ध शिक्षक रजनीश राज ने कहा कि अब गांव से शहर आने की आवश्यकता नहीं है, अब आप गांव से ही पूरे भारत का दर्शन कर सकते हैं, कोविड के दौर में हमने देखा कि ऑनलाइन शिक्षा का व्यापक विस्तार हुआ। जिसके बाद मैने अनकैडमी के साथ जुड़ गया। मेरे जीवन का जो सबसे बड़ा सपना है वो यह है कि बीते दिनों जो हिंदी माध्यम का परिणाम गिरा है उसे पुन: ऊपर उठाना ही मेरा सपना है।

आखिरी में हिंदी माध्यम के छात्रों के लिए रजनीश राज ने कहा कि मैं अभी बस यही कह सकता हूं कि अगले 2 से तीन साल तक मैं क्या से क्या कर सकूं जो हिंदी माध्यम के छात्रों का परिणाम ठीक हो जाए। बता दें कि रजनीश राज सिविल सेवा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के एक ख्वाति प्राप्त मार्गदर्शक हैं और साथ ही साथ इतिहास के प्रसिद्ध शिक्षक हैं।।