टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (26 जून 2023): आगामी 2024 लोकसभा चुनाव में पीएम की विजयरथ को रोकने के लिए विपक्षी पार्टी एकजुट हो रही है। विपक्षी एकजुटता की अगुवाई कर रहे हैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। बीते 23 जून को बिहार की राजधानी पटना में नीतीश कुमार की अगुवाई में 15 विपक्षी पार्टियों की बैठक हुई। बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने सहित तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई।
इकरार से पहले तकरार
नीतीश कुमार की अगुवाई वाली विपक्षी खेमे में एकजुट से पहले ही टूट होती दिख रही है। बड़ा सवाल यह है कि क्या ‘इकरार से पहले तकरार’ वाला विपक्ष लोकसभा चुनाव 2024 में एकजुट हो पाएगा? क्या विपक्ष अपने आपसी मतभेदों को भुलाकर पीएम के विजयरथ को रोकने के लिए एक मंच पर खड़ा हो सकेगा? क्या कांग्रेस उन तमाम क्षेत्रीय पार्टियों को उतनी सीटों के साथ स्वीकार करेगी जिससे बात बन सके? अध्यादेश को लेकर जो आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच संग्राम जारी है उसका पटाक्षेप हो सकेगा? विपक्षी खेमे के सामने ये कुछ बड़े सवाल हैं।
आप -कांग्रेस में संग्राम जारी
गौरतलब है कि 23 जून की विपक्षी बैठक में 15 विपक्षी दलों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी शामिल हुई। लेकिन बैठक खत्म होने के ठीक बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं दिखा। आम आदमी पार्टी के नेता और कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर बयानी प्रहार करने लगे और एक दूसरे पर जमकर हमलावर होते दिखे।
क्या है विवाद
दरअसल आम आदमी पार्टी ने विपक्षी दलों की बैठक से पूर्व ही आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ये शर्त रखी थी कि कांग्रेस केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़े अध्यादेश के खिलाफ अपना पक्ष स्पष्ट करे। आप नेता अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कांग्रेस के रुख स्पष्ट करने के बाद ही वह बैठक में शामिल होंगे।
इन तमाम मुश्किलों के बाद विपक्षी पार्टियों में एकजुटता थोड़ी महज हवा हवाई नजर आ रही है।।