टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (28/05/2023): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 101वें एपिसोड को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ‘मन की बात’ का ये एपिसोड सेकेंड सेंचुरी का प्रारंभ है। पिछले महीने हम सभी ने इसकी स्पेशल सेंचुरी को सेलिब्रेट किया है। आपकी भागीदारी ही इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी ताकत है। जब ‘मन की बात’ का प्रसारण हुआ, तो उस समय दुनिया के अलग-अलग देशों में, अलग-अलग टाइम जोन में कहीं शाम हो रही थी तो कहीं देर रात थी। इसके बावजूद, बड़ी संख्या में लोगों ने 100वें एपिसोड को सुनने के लिए समय निकाला।
पीएम मोदी ने कहा कि “बीते दिनों हमने मन की बात में काशी तमिल संगमम की बात की। सौराष्ट्र तमिल संगमम की बात की। कुछ समय पहले ही वाराणसी में काशी तेलुगू संगमम भी हुआ। एक भारत श्रेष्ठ भावना को ताकत देने वाला ऐसे ही एक और अनूठा प्रयास देश में हुआ है। ये प्रयास है- युवा संगम का।”
उन्होंने आगे कहा कि “कुछ दिन पहले ही मैं जापान में हिरोशिमा में था। वहां मुझे हिरोशिमा पीस मेमोरियल म्यूजियम में जाने का अवसर मिला। ये एक भावुक कर देने वाला अनुभव था। जब हम इतिहास की यादों को संजोकर रखते हैं तो वो आने वाली पीढ़ियों की बहुत मदद करता है।”
पीएम मोदी ने कहा कि “कुछ दिन पहले ही भारत में इंटरनेशनल म्यूजियम एक्सपो का भी आयोजन किया था। इसमें दुनिया के 1200 से अधिक म्यूजियम की विशेषताओं को दर्शाया गया। हमारे यहां भारत में अलग-अलग प्रकार के ऐसे कई म्यूजियम हैं, जो हमारे अतीत से जुड़े अनेक पहलुओं को प्रदर्शित करते हैं।”
पीएम मोदी ने कहा कि “गुरुग्राम में एक अनोखा संग्रहालय है – म्यूजियो कैमरा, इसमें 1860 के बाद के 8 हजार से ज्यादा कैमरों का कलेक्शन मौजूद है। तमिलनाडु के म्यूजियम ऑफ पॉसिबिलिटीज को हमारे दिव्यांगजनों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय एक ऐसा म्यूजियम है, जिसमें 70 हजार से भी अधिक चीजें संरक्षित की गई हैं। 2010 में स्थापित इंडियन मेमोरी प्रोजेक्ट एक तरह का ऑनलाइन म्यूजियम है। ये जो दुनियाभर से भेजी गयी तस्वीरों और कहानियों के माध्यम से भारत के गौरवशाली इतिहास की कड़ियों को जोड़ने में जुटा है। विभाजन की विभिषिका से जुड़ी स्मृतियों को भी सामने लाने का प्रयास किया गया है।”
पीएम ने कहा कि “बीते वर्षों में भी हमने भारत में नए-नए तरह के म्यूजियम और मेमोरियल बनते देखे हैं। स्वाधीनता संग्राम में आदिवासी भाई-बहनों के योगदान को समर्पित 10 नए म्यूजियम बनाए जा रहे हैं। कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में बिप्लोबी भारत गैलरी हो या फिर जलियावालां बाग मेमोरियल का पुनुरुद्धार, देश के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों को समर्पित पीएम म्यूजियम भी आज दिल्ली की शोभा बढ़ा रहा है। हम सबने एक कहावत कई बार सुनी होगी, बार-बार सुनी होगी – बिन पानी सब सून। बिना पानी जीवन पर संकट तो रहता ही है, व्यक्ति और देश का विकास भी ठप्प पड़ जाता है। भविष्य की इसी चुनौती को देखते हुए आज देश के हर जिले में 75 अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा रहा है।”
पीएम मोदी ने कहा कि “1965 के युद्ध के समय, हमारे पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने जय जवान, जय किसान का नारा दिया था। बाद में अटल जी ने इसमें जय विज्ञान भी जोड़ दिया था। कुछ वर्ष पहले, देश के वैज्ञानिकों से बात करते हुए मैंने जय अनुसंधान की बात की थी। ‘मन की बात’ में आज बात एक ऐसे व्यक्ति की, एक ऐसी संस्था की, जो, जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान, इन चारों का ही प्रतिबिंब है। आज 28 मई को महान स्वतंत्रता सेनानी, वीर सावरकर जी की जयंती है। उनके त्याग, साहस और संकल्प-शक्ति से जुड़ी गाथाएं आज भी हम सबको प्रेरित करती हैं। मैं, वो दिन भूल नहीं सकता, जब मैं अंडमान में, उस कोठरी में गया था जहां वीर सावरकर ने कालापानी की सजा काटी थी।”
उन्होंने आगे कहा कि “वीर सावरकर का व्यक्तित्व दृढ़ता और विशालता से समाहित था। उनके निर्भीक और स्वाभिमानी स्वाभाव को गुलामी की मानसिकता बिल्कुल भी रास नहीं आती थी। स्वतंत्रता आंदोलन ही नहीं, सामाजिक समानता और सामाजिक न्याय के लिए भी वीर सावरकर ने जितना कुछ किया उसे आज भी याद किया जाता है।”