टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (28 मई 2023): देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संसद भवन का उद्घाटन किया। नए संसद भवन का उद्घाटन वैदिक मंत्रोच्चारण एवं विधि विधान के साथ किया गया। इस अवसर पर विभिन्न धर्मों के धर्मगुरु एवं प्रमुख लोग मौजूद रहे।
जारी है सियासी बवाल
नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा करने पर सियासी बवाल मचा हुआ है। लगभग 20 विपक्षी पार्टियों ने इस उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है और पीएम द्वारा उद्घाटन को गलत ठहराया है। बहिष्कार करने वाले विपक्षी पार्टियों की मानें तो नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा नहीं बल्कि राष्ट्रपति द्वारा होना चाहिए। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने इसे लोकतंत्र का अपमान बताया है तो वहीं आम आदमी पार्टी समेत कई पार्टियों ने भी इसपर जमकर हमला बोला है।
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ने बताया क्या है नियम
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ मनोज गोरकिला ने इस पूरे मामले को लेकर टेन न्यूज को बताया कि ” यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी 26 मई को लिस्ट था। इस मामले की पेटिशनर थी सीआर जया सुकीन जो एक लॉयर हैं। इस पेटिशन में सुप्रीम कोर्ट ने सीधे तौर पर कहा कि पेटिशनर को सुनने के बाद हम इस सबमिशन को एक्सेप्ट नहीं करते हैं। और जब सुप्रीम कोर्ट इस पेटिशन को डिसमिस कर रहे थे तभी पेटिशनर ने कहा कि ‘माय लॉर्ड’ यदि आप इस पेटिशन को डिसमिस कर रहे हैं तो मैं इसे वीड्रॉ करना चाहूंगा और इस पेटिशन को वीड्रॉ का ऑर्डर पास कर दिया गया।”
आगे वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि “SC ने आज इस सभी सबमिशन को देखते हुए और रिट पेटिशन को देखते हुए ये ऑर्डर पास कर दिया है। और इस ऑर्डर के बाद ये क्लियर हो गया है कि संविधान में कहीं पर ये प्रोविजन नहीं है कि राष्ट्रपति ही किसी नए भवन का उद्घाटन करेंगे। इस जजमेंट के बाद ये साफ है कि प्रधानमंत्री ही नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। और जब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को डिसमिस कर दिया है इसका मतलब यह है कि संवैधानिक तरीके से प्रधानमंत्री नए संसद भवन का उद्घाटन कर सकते हैं।”
ज्ञात हो कि आज रविवार को प्रधानमंत्री मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया। वहीं इस मौके पर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला एवं राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह भी उपस्थित रहे।।