भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र: पीएम मोदी। मन की बात

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (29/01/2023): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रविवार को साल 2023 के पहले ‘मन की बात’ कार्यक्रम को संबोधित किया। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम का 97वां संस्करण है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई मुद्दों पर अपने विचारों को साझा किया।

पीएम मोदी ने कहा कि गणतंत्र दिवस समारोह में अनेक पहलुओं की काफी प्रशंसा हो रही है। 26 जनवरी की परेड के दौरान कर्तव्य पथ का निर्माण करने वाले श्रमिकों को देखकर बहुत अच्छा लगा। इस परेड में पहली बार हिस्सा लेने वाली महिला ऊंट सवार और CRPF की महिला टुकड़ी भी काफी सराहना हो रही है।

पीएम मोदी ने कहा कि जनजातीय समुदायों से जुड़ी चीजों के संरक्षण और उन पर शोध के प्रयास भी होते हैं। ऐसे ही टोटो, हो, कुइ, कुवी और मांडा जैसी जनजातीय भाषाओं पर काम करने वाले कई महानुभावों को पद्म पुरस्कार मिले हैं। यह हम सभी के लिए गर्व की बात है।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और हम भारतीयों को इस बात का गर्व भी है कि हमारा देश लोकतंत्र की जननी भी है। लोकतंत्र हमारी रगों में हैं, हमारी संस्कृति में है। सदियों से यह हमारे कामकाज का भी एक अभिन्न हिस्सा रहा है। स्वभाव से हम एक लोकतांत्रिक समाज हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि डॉ अम्बेडकर ने बौद्ध भिक्षु संघ की तुलना भारतीय संसद से की थी। उन्होंने उसे एक ऐसी संस्था बताया था, जहां प्रस्ताव, संकल्प, कोरम और वोटों की गिनती के लिए कई नियम थे। बाबासाहेब का मानना था कि भगवान बुद्ध को इसकी प्रेरणा उस समय की राजनीतिक व्यवस्थाओं से मिली होगी।

पीएम मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस और अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष दोनों का निर्णय भारत के प्रस्ताव के बाद लिया है। योग भी स्वास्थय से जुड़ा है और बाजरा भी स्वास्थय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दोनों अभियानों में जनता की भागीदारी के कारण एक क्रांति रास्ते पर है।

पीएम मोदी ने कहा कि गोवा में पर्पल फेस्ट इवेंट हुआ। दिव्यांगजनों के कल्याण को लेकर यह अपने-आप में एक अनूठा प्रयास था। 50 हजार से भी ज्यादा हमारे भाई-बहन इसमें शामिल हुए। यहां आए लोग इस बात को लेकर रोमांचित थे कि वो अब ‘मीरामार बीच’ घूमने का भरपूर आनंद उठा सकते हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि ई- कचरा को ठीक से व्यवस्थित नहीं किया गया, तो यह हमारे पर्यावरण के भी नुकसान पहुंचा सकता है। लेकिन अगर सावधानीपूर्वक ऐसा किया जाता है, तो यह रीसायकल और पुन: उपयोग की परिपत्र अर्थव्यवस्था की बहुत बड़ी ताकत बन सकती है।

पीएम मोदी ने कहा कि आज पूरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता के संरक्षण की बहुत चर्चा होती है। इस दिशा में भारत के ठोस प्रयासों के बारे में हम लगातार बात करते हैं। अब हमारे देश में रामसर साइट्स की कुल संख्या 75 हो गई है, जबकि 2014 से पहले देश में केवल 26 रामसर साइट्स थीं।