टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (13/12/2022): अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीन और भारत के सैनिकों में हुई झड़प के बाद कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी एक-दूसरे पर सवाल उठा रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर चीनी दूतावास से पैसे लेने का आरोप लगाया तो वहीं कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पलटवार करते हुए कहा कि एक बार प्रधानमंत्री केयर फंड का जायजा लिया जाए।
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि “मैं ये कहना चाहता हूं कि एक बार प्रधानमंत्री केयर फंड का जायजा लिया जाए। उसमें जिन लोगों ने चंदा दिया है उनकी सूची निकाली जाए और देखा जाए कि कितनी चीनी कंपनियों ने चंदा दिया है।”
वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि “विपक्ष ने अरुणाचल में घटी घटनाओं का हवाला देते हुए बहुमूल्य प्रश्नकाल को स्थगित करवा दिया। यह निंदनीय है। इसका कोई औचित्य नहीं था। जब रक्षा मंत्री ने इस विषय पर अपना बयान रखने की बात कर ही दी, तो इसका कोई औचित्य ही नहीं था।”
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि “मुझे आश्चर्य लगा, लेकिन जब प्रश्नकाल के सूची को देखा तो 5 नंबर का प्रश्न देखकर मैं इनकी चिंता समझ गया। राजीव गांधी फाउंडेशन के FCRA रजिस्ट्रेशन को रद्द करने के बारे में प्रश्न है।” इस प्रश्न का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि “राजीव गांधी फाउंडेशन को 2005-6 और 2006-7 के वित्तीय वर्ष में चीनी दूतावास से 1 करोड़ 35 लाख रुपए का अनुदान प्राप्त हुआ था, जो FCRA कानून और उसकी मर्यादाओं के अनुरूप नहीं था। इस पर नोटिस देकर पूर्णतया कानूनी प्रक्रिया का अनुपालन करते हुए गृह मंत्रालय ने इसका रजिस्ट्रेशन रद्द किया।”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि “फाउंडेशन के अपना रजिस्ट्रेशन सामाजिक कार्यों के लिए करवाया था और राशि चीनी दूतावास से मिली, जो भारत-चीन संबंधों के विकास पर शोध करने के लिए ये पैसा दिया गया है। कांग्रेस पार्टी बताए कि इन्होंने शोध तो जरूर किया होगा। क्या उनकी शोध में 1962 में भारत की हजारों हेक्टेयर भूमि चीन ने हड़प ली, वो शामिल था क्या? और शोध किया तो रिपोर्ट क्या आई है?”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि “नेहरू जी के प्रेम के कारण सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता बलि चढ़ गई। इस विषय को उन्होंने शोध का विषय बनाया था क्या? और अगर बनाया था तो इसका नतीजा क्या हुआ? जिस वक्त गलवान के अंदर हमारे सेना के वीर जवान चीनीयों से भीड़ रहे थे, उस वक्त चीनी दूतावास के अधिकारियों को कौन रात्रि भोज दे रहा था? वो उनकी शोध का विषय था क्या? अगर था तो उसका नतीजा क्या हुआ? जब उनकी सरकार थी तो 2006 में भारत में चीन के दूतावास ने पूरे अरुणाचल और नेफा पर उन्होंने दावा कर दिया, वो उनकी शोध का विषय था क्या? और शोध का नतीजा क्या हुआ?”