गंगे मातरम ! कल्पना कला केंद्र की अनोखी कल्पना, निर्मिति एवं प्रस्तुति

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (02/12/2022): गंगे मातरम – नदी या नारी इस प्रस्तुति की लेखिका , निर्माता एवं निदेशक जानी मानी नृत्यांगना एवं संगीत की गुरु डॉक्टर कल्पना भूषण ने कहा कि मां गंगा को पुन: निर्मल एवं पवित्र बनाने हेतु संकल्पबद्ध होने के उद्देश्य से भव्य एवं दिव्य संगीत – नृत्य नाटिका में मां गंगा को एक बालिका के रूप में दर्शाया जाएगा। जिस प्रकार एक बालिका अपने बाल्या अवस्था अर्थात ब्रह्मचर्य अवस्था में पवित्र एवं आस्था की प्रतीक होती है, ठीक उसी प्रकार गंगा के बाल्या अवस्था की पवित्रता दर्शाया जाएगा । समायानुरूप जब वह बालिका गृहस्थ जीवन में प्रवेश करती है और बालिका से किशोरी एवं औरत का रूप लेती है तो उसके स्वभाव, उसकी सौम्यता, उसकी पवित्रता बदल जाती है। उसके भाव एवं स्वभाव में कई प्रकार के परिवर्तन आ जाते हैं। उसी प्रकार गंगा जब मध्यावस्था में पहुंचती है तो धीरे धीरे मनुष्यों द्वारा उसकी पवित्र एवं निर्मल धारा को प्रदूषित कर दिया जाता है। बालिका जब अपने जीवन में चौथे अर्थात वानप्रस्थ अवस्था में पहुंचती है तो अब वह बालिका अपने जीवन के अंतिम काल में होती है और पुन: ईश्वर के पास जाना चाहती है। लेकिन उनके बच्चे, पोते -पोतियां उन्हें रोकती है क्योंकि वो परिवार की धरोहर होती हैं। ठीक उसी प्रकार आज गंगा प्रदूषित होकर पुन: जाना चाहती हैं लेकिन मां गंगा के लाखों-करोड़ों बच्चे को आज उन्हें रोकना चाहिए और संकल्प लेना चाहिए कि हम सब मिलकर गंगा को फिर से पवित्र एवं निर्मल बनाएंगे। यही संदेश दिया जाएगा।

 

मां गंगा की व्यथा को उनके वर्तमान अवस्था को और उन्हें पवित्र एवं निर्मल बनाने के संकल्पों को कल्पना कला केंद्र के छात्रों द्वारा संगीत, नृत्य एवं नाटिका के माध्यम से प्रस्तुत 25 दिसंबर (रविवार) को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के अवतरण दिवस के पवित्र अवसर पर टेन न्यूज़ नेटवर्क एवं कल्पना कला केंद्र , सुपर्णा भूषण सूद – समीर भाटिया के सहयोग से अपने ४५ वे वार्षिक उस्तव के अगसर पर कमानी ऑडी , कोपरनिकस मार्ग नई दिल्ली में संगीत – नृत्य, नाटिका “गंगे मातरम” की प्रथम प्रस्तुति होगी ।