टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (12 फरवरी 2022): दक्षिण-पश्चिमी जिला डीसीपी गौरव शर्मा के अनुसार गिरफ्तार बालिग आरोपियों की पहचान महाराजपुर, साहिबगंज झारखंड निवासी एलोपी मेहतो, कारू कुमा, सन्नी कुमार, नंदन कुमार व राहुल कुमार के रूप में हुई है।
दक्षिण-पश्चिम दिल्ली पुलिस ने बच्चों से चोरी करवाकर मोबाइल की तस्करी करने वाले एक गिरोह का किया पर्दाफाश।प्राप्त जानकारी के अनुसार अबतक इस गिरोह द्वारा हज़ारों फोन चोरी किया गया है।अनुमान लगाया जा रहा है कि इस गिरोह द्वारा बीते चार वर्षों में लगभग 10 हजार से अधिक मोबाइल चोरी की घटना को अंजाम दिया गया है, गिरोह के अबतक5 नाबालिग सहित 10 आरोपियों को किया गिरफ्तार।
आपको बता दें कि पुलिस को इनके कब्जे से लगभग 50 लाख रुपये की कीमत के 110 मोबाइल बरामद हुए हैं जिसमें कई मंहगे आइफोन सहित कई अन्य मोबाइल हैं।ये धार्मिक स्थलों एवं भीड़ भाड़ वाले बाजारों में मोबाइल चोरी करते थे।
दक्षिण-पश्चिमी जिला डीसीपी गौरव शर्मा के अनुसार गिरफ्तार बालिग आरोपियों की पहचान महाराजपुर, साहिबगंज झारखंड निवासी एलोपी मेहतो, कारू कुमा, सन्नी कुमार, नंदन कुमार व राहुल कुमार के रूप में हुई है। एलोपी मेहतो इस गिरोह का सरगना है और बाकी उसके रिश्तेदार हैं। उन्होंने बताया कि एसीपी ऑपरेशन सेल अभिनेन्द्र जैन देखरेख में एंटी स्नैचिंग सेल का गठन किया गया। इन बाजारों को पता लगाया गया, जहां वारदात हो रही थीं या हुई थीं। जांच में पता लगा कि नाबालिग मोबाइल फोन चुरा रहे हैं। इस पुलिस टीम ने जांच के बाद एक साप्ताहिक बाजार से पांच बालिग आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पांच नाबालिग आरोपियों को भी पकड़ा गया है।पूछताछ में पता लगा है कि सभी आपस में रिश्तेदार हैं और एलोपी मेहतो इनको दिल्ली लेकर आया था।
गाँव के 50 से अधिक लोग मिलकर देते थे वारदात को अंजाम
दक्षिण-पश्चिमी जिला पुलिस अधिकारियों के अनुसार झारखंड के साहिबगंज में महाराजपुर गांव हैं। इस गांव के करीब 50 से ज्यादा लोगा मोबाइल चोरी की वारदात करने दिल्ली आते हैं। ये चार-पांच वर्षो से वारदात कर रहे हैं। कुछ दिनों तक मोबाइल चोरी की वारदात को अंजाम देते हैं और फिर वापस गांव चले जाते हैं।एलोपी महतो ने पुलिस की पूछताछ में कहा कि ये सभी साल में चार से पाँच बार दिल्ली आते हैं।
दिल्ली में किराए के रूम में रहते थे सभी आरोपी
पूछताछ में मिली जानकारी के अनुसार ये सभी लोग गाँव से दिल्ली आते थे और किराए के माकान में रहते थे,सभी नाबालिग बच्चे भी गाँव से साथ आते थे।
चोरी के सभी मोबाइल को बंगलादेश भेजते थे
आरोपियों ने बताया के ये चोरी के मोबाइलों को जमा करते रहते थे। काफी संख्या में मोबाइल जमा होने पर ये वापस झारखंड चले जाते थे। इसके बाद ये बांग्लादेश में संपर्क करते थे और वहां बेच देते थे। पप्पू व रिंकू नाम के व्यक्ति मोबाइल बिकवाने में इनकी सहायता करते थे। ये दोनों की मोबाइलों को बांग्लदेश लेकर जाते थे।