देश के युवाओं के शिक्षित हो जाने से भाजपा को लगता है डर : मनीष सिसोदिया

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (17-01-22): 27 अगस्त2021 को दिल्ली सरकार द्वारा गरीब तबकों के छात्र छात्राओं के लिए ‘देश के मेंटर’ नाम से एक महत्वाकांक्षी योजना प्रारंभ किया गया।

इस योजना के तहत उन गरीब तबकों के बच्चों को जिन्हें उनके भविष्य से जुड़ी उचित जानकारी देने वाला कोई नही होता एवं वैसे बच्चे जो संसाधन के अभाव में पीछे छूट जाते हैं उन्हें निःशुल्क परामर्शदाता (मेंटोर) के माध्यम से उनकी भविष्य सम्बंधी जानकारियों को साझा करना था,और इस योजना के ब्रांड एंबेसडर चर्चित अभिनेता सोनू सूद को बनाया गया था। लेकिन ठीक साढ़े चार महीने बाद इस योजना पर NCPCR (नेशनल कमीशन फ़ॉर प्रोटेक्शन फ़ॉर चाइल्ड राइट्स) द्वारा रोक लगा दिया गया है ।

अब पूरा मामला समझते हैं कि आखिर एनसीपीसीआर ने किन कारणों से इस योजना पर रोक लगाई है:
दरसल 11 जनवरी को एनसीपीसीआर ने रोक लगाने के कारणों का जिक्र करते हुए दिल्ली सरकार को एक चिट्ठी लिखा कि इस प्रोग्राम के तहत कैरियर बनाने वाले बच्चों का पुलिस वैरिफिकेशन नही कराया जाता जिससे साइबर क्राइम और चाइल्ड ट्रैफिकिंग बढ़ने के आसार, इन कारणों के कारण एनसीपीसीआर ने सीपीसीआर एक्ट (2005) के सेक्सन13 और सेक्सन 15 तहत रोक लगाने की बात कही थी।

जिसके बाद इस मामले में राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप जारी है, आपको बता दें कि मुख्यमंत्रीअरविंद केजरीवाल ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए राजनीति करने का आरोप लगाया तो वहीं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने मीडिया से बात करते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला,उन्होंने कहा कि “भाजपा को यह डर है कि यदि युवा पीढ़ी पढ़ लिख लेगी तो फिर उनके उल जूलुल कार्यों का समर्थन कर उन्हें मत कौन देगा” , इतना ही नही उन्होंने आगे कहा कि ” उसे इस बात का भी डर है कि यदि नौजवान बच्चे पढ़ाने लिखाने में व्यस्त हो जाएंगे तो फिर व्हाट्सएप्प यूनिवर्सिटी पर इनके लिए धर्म और जाति के लिए लड़ाई कौन करेगा”।