टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (29 नवंबर 2024): कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक में पार्टी के हालिया चुनावी प्रदर्शन पर चर्चा करते हुए संगठनात्मक बदलाव और भविष्य की रणनीति पर जोर दिया। उन्होंने लोकसभा उपचुनावों में मिली सफलता के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा (वायनाड) और रवींद्र चव्हाण (नांदेड़) को बधाई दी, लेकिन राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के परिणामों को चिंताजनक बताया।
उपचुनावों में जीत, लेकिन राज्यों में उम्मीद से कम प्रदर्शन
खड़गे ने लोकसभा उपचुनावों में मिली सफलता को पार्टी के लिए सकारात्मक बताया लेकिन राज्यों के नतीजों पर आत्ममंथन की जरूरत बताई। उन्होंने कहा, “INDIA गठबंधन ने चार में से दो राज्यों में सरकार बनाई, लेकिन कांग्रेस का प्रदर्शन उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहा। हमें इन नतीजों से सबक लेकर अपनी कमजोरियों को दूर करना होगा।”
आपसी गुटबाजी और अनुशासनहीनता पर कड़ा रुख
खड़गे ने पार्टी में आपसी मतभेदों और बयानबाजी पर सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “जब तक हम एकजुट होकर नहीं लड़ेंगे और आपसी बयानबाजी बंद नहीं करेंगे, तब तक विरोधियों को पराजित करना मुश्किल होगा। अनुशासन का पालन जरूरी है। पार्टी की जीत में ही हमारी जीत है।”
मजबूत संगठन की जरूरत
उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी का संगठनात्मक ढांचा कई राज्यों में कमजोर है और इसे बूथ स्तर तक मजबूत करना बेहद जरूरी है। “हमारी तैयारी शुरुआत से लेकर मतगणना तक ऐसी होनी चाहिए कि हर स्तर पर हमारा कार्यकर्ता और सिस्टम मजबूत काम करे,” खड़गे ने कहा।
राष्ट्रीय और स्थानीय मुद्दों का संतुलन
खड़गे ने बेरोजगारी, महंगाई, आर्थिक असमानता और जातिगत जनगणना जैसे राष्ट्रीय मुद्दों को पार्टी के लिए प्रासंगिक बताया। साथ ही उन्होंने राज्यों में स्थानीय मुद्दों को प्राथमिकता देने की जरूरत पर भी बल दिया। उन्होंने कहा, “हम केवल राष्ट्रीय मुद्दों और नेताओं के सहारे राज्यों के चुनाव नहीं जीत सकते। हमें राज्यों के स्थानीय मुद्दों को बारीकी से समझकर ठोस रणनीति बनानी होगी।”
EVM और चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल
चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए खड़गे ने EVM की विश्वसनीयता पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “लोकसभा के नतीजों के बाद विधानसभा के नतीजे हैरान करने वाले हैं। चुनाव आयोग को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने का अपना दायित्व निभाना चाहिए।”
चुनावी तैयारियों में बदलाव की जरूरत
खड़गे ने कहा कि चुनावी सफलता के लिए रणनीति को समय रहते लागू करना आवश्यक है। उन्होंने कहा, “चुनावों की तैयारी कम से कम एक साल पहले शुरू करनी चाहिए। हमारी टीमों को समय से पहले मैदान में सक्रिय रहना चाहिए और मतदाता सूची की सटीकता सुनिश्चित करनी चाहिए।”
नई रणनीति और माइक्रो-कम्युनिकेशन पर जोर
खड़गे ने चुनावी प्रचार और प्रचार रणनीतियों को आधुनिक बनाने की बात कही। उन्होंने कहा, “पुराने ढर्रों पर चलते हुए हर बार सफलता नहीं मिल सकती। हमें माइक्रो-कम्युनिकेशन को प्रभावी बनाना होगा और प्रोपेगेंडा व गलत सूचना से लड़ने के लिए नए तरीके अपनाने होंगे।”
संविधान और कांग्रेस की ऐतिहासिक भूमिका
संविधान की 75वीं वर्षगांठ का जिक्र करते हुए खड़गे ने कांग्रेस की उपलब्धियों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “संविधान को लागू करने और देश को अधिकार संपन्न बनाने में कांग्रेस का सबसे बड़ा योगदान है। लेकिन पिछले 11 वर्षों में देश में बेरोजगारी, महंगाई और विषमता ने एक बड़ा वर्ग तैयार कर दिया है। कांग्रेस का सत्ता में आना इसलिए जरूरी है ताकि इन समस्याओं का समाधान किया जा सके।”
फासीवादी ताकतों से लड़ने की अपील
खड़गे ने चेताया कि बार-बार हारने से फासीवादी ताकतें और मजबूत हो रही हैं। “हमें विभाजनकारी ताकतों को हराना है और देश में अमन-चैन, भाईचारा और तरक्की को फिर से स्थापित करना है,” उन्होंने कहा।
आगे का रास्ता: कठोर निर्णय और बदलाव का आह्वान
खड़गे ने पार्टी कार्यकर्ताओं को पराजय से हताश न होने की सलाह देते हुए कहा, “हमें ब्लॉक, जिला और AICC स्तर तक बदलाव लाना होगा। मौजूदा चुनौतियों से पार पाने के लिए हमें आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना होगा।”
कांग्रेस कार्य समिति की इस बैठक में पार्टी की हालिया असफलताओं को आत्ममंथन का विषय बनाते हुए संगठनात्मक मजबूती, एकता, और अनुशासन पर जोर दिया गया। खड़गे ने कहा कि पार्टी के पास आगे बढ़ने की क्षमता है और हमें समय रहते कठोर निर्णय लेने होंगे ताकि आने वाले चुनावों में सफलता सुनिश्चित की जा सके।।
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