रंजन अभिषेक, संवाददाता
टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (21 मई 2024): राजधानी दिल्ली का चुनावी रण इस बार काफी दिलचस्प होने वाला है। क्योंकि इस बार आम आदमी पार्टी और कांग्रेस इंडिया गठबंधन के तहत एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी एकबार फिर 2019 की तरह ही दिल्ली की सभी सातों लोकसभा सीटों को जीतने का दावा कर रही है। हालाकि, इस बार बीजेपी ने दिल्ली में उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट को छोड़कर अन्य सभी सीटों पर प्रत्याशियों को बदल दिया है।
दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस तीन सीटों पर आम आदमी पार्टी चार सीटों पर चुनाव लड़ रही है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी को इस बार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी कड़ी टक्कर देती हुई नजर आ रही है।
उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट का हाल
दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों में से नॉर्थ ईस्ट दिल्ली लोकसभा सीट सबसे हॉट सीट बनी हुई है। इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी मनोज तिवारी के सामने कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैया कुमार हैं। मनोज तिवारी भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार और गायक हैं, हालाकि उन्होंने अब राजनीति में भी अपनी अच्छी पकड़ बना ली है, इसीलिए पार्टी ने उन पर तीसरी बार भरोसा जताते हुए उन्हें चुनावी रण में उतारा है। वहीं कन्हैया कुमार युवा नेता एवं तेज तर्रार प्रवक्ता हैं और राहुल गांधी के काफी खास माने जाते हैं। इस सीट के अधिकांश मतदाता ऐसे हैं जो पूर्वांचल के हैं।
बिहारी चेहरे पर जताया भरोसा
बीजेपी और कांग्रेस ने बिहार के नेताओं पर भरोसा जताया है, और उन्हें टिकट दिया है। दोनों नेता बिहार से जरूर ताल्लुक रखते हैं लेकिन दोनों ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत दिल्ली से ही की है। उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट के अंतर्गत दस विधानसभा की सीटें आती है। इनमें से अधिकतर विधानसभा सीटों पर AAP का कब्जा है। यह लोकसभा दिल्ली की सबसे घनी आबादी वाला सीट है। इस लोकसभा सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की तादाद भी अच्छी खासी है। साथ ही उत्तराखंड और पूर्वांचल के लोग भी बड़ी तादाद में रहते हैं। पिछली बार इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी मनोज तिवारी ने दिल्ली की तीन बार की सीएम रही शीला दीक्षित को हराया था।
2024 लोकसभा चुनाव में मतदाताओं का मिजाज
इस बार की यदि बात करें तो कन्हैया कुमार भी एक मजबूत प्रत्याशी हैं और तेज तर्रार प्रवक्ता होने के कारण युवाओं में खासा लोकप्रिय हैं। साथ ही अकलियत के मतदाता भी कन्हैया को पसंद करते हैं। निश्चित रूप से कन्हैया को युवाओं और अकलियत के मतदाताओं का समर्थन मिलेगा। लेकिन वहीं दूसरी तरफ मनोज तिवारी हैं जिनकी पूर्वांचल के लोगों में खास लोकप्रियता है और बीजेपी का अपना कैडर वोट बैंक भी है जो उनके लिए काम करता है। कांग्रेस का दिल्ली में कोई खास कैडर दिख नहीं रहा है, विधानसभा चुनाव 2020 में कांग्रेस दिल्ली में एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई थी।
कुल मिलाकर यदि आप उत्तर पूर्वी दिल्ली के मौजूदा समीकरण को देखेंगे तो मनोज तिवारी का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। वहीं कन्हैया सीलमपुर, बाबरपुर, मौजपुर वाले हिस्से में तो मजबूत हैं लेकिन पूरे लोकसभा क्षेत्र में पिछड़ते हुए नजर आ रहे हैं।।
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