सर्वोच्च न्यायालय में योग गुरु रामदेव ने बिना शर्त मांगी माफी, जानें फर्जी विज्ञापन का पूरा मामला

रंजन अभिषेक, संवाददाता

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (02 अप्रैल 2024): पतंजलि आयुर्वेद द्वारा भ्रामक विज्ञापनों के प्रकाशन मामले में योगगुरु रामदेव एवं पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने सर्वोच्च न्यायालय में माफी मांग ली है। इस बाबत सर्वोच्च न्यायालय ने आज सुनवाई के दौरान कहा कि आपको ( रामदेव और बालकृष्णन) यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि आपके पवित्र वचन के संबंध में हलफनामा दायर किया गया है।

सर्वोच्च न्यायालय ने लगाई फटकार

भ्रामक विज्ञापनों के प्रकाशन मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने कड़ी फटकार लगाई है। नया हलफनामा दायर करने के मामले में कोर्ट ने कहा कि, कभी-कभी चीजों को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचना चाहिए। यह पूरी तरह से अवज्ञा है, केवल सुप्रीम कोर्ट ही नहीं, देशभर की सभी अदालतों द्वारा पारित सभी आदेशों का सम्मान किया जाना चाहिए।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सर्वोच्च न्यायलय का यह भी कहना है कि उसे रामदेव और बालकृष्णन के खिलाफ झूठे गवाही का मामला शुरू करना होगा। कोर्ट ने कहा कि, ऐसा कहा गया है कि दस्तावेज (शपथ पत्र के साथ) संलग्न किए गए हैं, लेकिन इस बाबत दस्तावेज बाद में बनाए गए हैं। यह स्पष्ट रूप से झूठी गवाही का मामला है। हम आपके लिए दरवाजे बंद नहीं कर रहे हैं बल्कि हम वह सब बता रहे हैं जो हमने नोट किया है। इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने रामदेव और बालकृष्णन को एक हफ्ते के भीतर नया हलफनामा दाखिल करने का मौका दिया है।

एक नज़र में जानें पूरा मामला

गौरतलब है कि, पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों के प्रकाशन मामले को लेकर हाल ही में रामदेव और बालकृष्णन को सुप्रीम कोर्ट ने तलब किया था। इसके साथ ही जस्टिस हिमा कोहली की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि, आयुर्वेदिक कंपनी पतंजलि ने भ्रामक विज्ञापनों के लगातार प्रकाशन पर जारी अवमानना नोटिस का जवाब नहीं दिया है। बीते साल नवंबर में सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष दिए गए आश्वासन का उलंघन करने पर 27 फ़रवरी को पीठ ने आचार्य बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की थी।।

 

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