नई दिल्ली – 26 मार्च, 2024: – नई दिल्ली मुख्यालय वाली एम्प्लॉयबिलिटी डॉट लाइफ ने फेडरेशन यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया के गठजोड़ से फ्यूचर ऑफ वर्क सेंटर प्रोग्राम चलाने के लिए 7 भारतीय विश्वविद्यालयों को शॉर्टलिस्ट किया है। यह कार्यक्रम अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है, जो वैश्विक कॉर्पोरेट मांगों के अनुरूप स्नातक कर रहे विद्यार्थियों की रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए कौशल-आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम पेश करता है।
यह केंद्र चंडीगढ़, बेंगलुरु, कोलकाता और मुंबई में स्थापित किए जा रहे हैं। इस में भाग लेने वाले विश्वविद्यालयों में चंडीगढ़ विश्वविद्यालय; लैमरिन टेक स्किल्स यूनिवर्सिटी (पंजाब); एमजीएम इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट (मुंबई); भगिनी निवेदिता विश्वविद्यालय (कोलकाता); गार्डन सिटी यूनिवर्सिटी (बैंगलोर); नरगुंड ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस (एनजीआई) (बैंगलोर); और मलनाड कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (एमसीई) (हसन)। ये संस्थान छात्रों को वैश्विक कार्यबल में सफलता के लिए आवश्यक कौशल और अनुभव से लैस करने के उद्देश्य से अत्याधुनिक कार्यक्रम विकसित करेंगे।
इसका गठजोड़ का उद्देश्य छात्रों को जरूरी स्किल्स से युक्त करना और उनके लिए एक संपूर्ण सिलेबस एवं प्रोग्राम बनाना है ताकि इससे छात्रों को दुनिया भर में अलग-अलग प्रोफेशनल माहौल में काम करने का अनुभव मिले , जो भविष्य में उनके करियर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में कारगर होगा। इस साझेदारी का मूल तत्व छात्रों को रोजगार करने के लिए आवश्यक स्किल्स प्रदान करने की साझा प्रतिबद्धता है। इससे पढ़ाई में शानदार प्रदर्शन करने वाले छात्र वर्तमान समय के अनुसार गतिशील और तेजी से बदलते माहौल में नौकरी हासिल कर सकेंगे।
ये विश्वविद्यालय ऑस्ट्रेलिया की फेडरेशन यूनिवर्सिटी एवं एम्प्लॉयबिलिटी डॉट लाइफ के साथ मिलकर इंडस्ट्रीज की जरूरतों को पूरा करने के लिए जिस तरह का सिलेबस चाहिए उसे बनाने और छात्रों को कंपनियों में काम करने लायक जरूरी स्किल्स से लैस करने के लिए सामूहिक संसाधनों और विशेषज्ञता का लाभ उठाएगी। इस पहल से जहां छात्रों को इंडस्ट्री में कामकाज के तौर-तरीकों की विस्तृत जानकारी मिलेगी, वहीं छात्र दुनिया भर की कंपनियों के साथ प्रभावशाली ढंग से कामकाज करने के लिए तैयार होंगे।
शैक्षिक ढांचे में व्यावहारिक ट्रेनिंग और असल जिंदगी के अनुभवों को शामिल कर इस साझेदारी का लक्ष्य शिक्षण संस्थाओं और इंडस्ट्री की जरूरतों के बीच बढ़ती दूरी को कम करना है। इससे ग्रेजुएट्स का बेहतरीन प्रोफेशनल्स के रूप में विकसित होना सुनिश्चित होगा, जो दुनिया भर में अपने कामकाज से कंपनी के विकास में सार्थक योगदान करने में सक्षम होंगे। इस सब में ऑस्ट्रेलिया की फेडरेशन यूनिवर्सिटी का खास सहयोग भारत के छात्रों को वैश्विक मांग के अनुरूप तैयार करने के लिए रहेगा। इस पार्टनरशिप का एक और उद्देश्य दुनिया भर के ऑफिसों या फैक्ट्रियों की नई-नई उभरती जॉब्स के लिए किस तरह का एक्सपेरिएंस चाहिए उन सबको भी ट्रेनिंग में शामिल किया जायेगा।
एम्प्लॉयबिलिटी डॉट लाइफ के साथ औपचारिक रूप से इस साझेदारी के तहत कैंपस में ही एक वर्क एक्सपीरियंस सेंटर बनाने की बुनियाद रखी है । यह सेंटर छात्रों को देश और मेलबोर्न दोनों जगहों पर स्किल बेस्ड ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट के बहुत सारे बहुमूल्य अवसर प्रदान करेगा। इसके अलावा भविष्य में फेडरेशन यूनिवर्सिटी के वर्क ट्रेनिंग प्रोग्राम से छात्र भारत और ऑस्ट्रेलिया में अपनी पढ़ाई बिना किसी रुकावट के पूरी कर पाएंगे।
डॉ. मनीष मल्होत्रा सीईओ एम्प्लॉयबिलिटी डॉट लाइफ के अनुसार फेडरेशन यूनिवर्सिटी और एम्प्लॉयबिलिटी डॉट लाइफ मिलकर भारतीय शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले हजारों छात्र-छात्राओं को नए सिरे से विशेषज्ञता प्रदान कर रहे हैं। यह साझेदारी भारत के अतिरिक्त ऑस्ट्रेलियाई शिक्षण संस्थाओं को भी आगे आने के लिए प्रेरित कर रही है। भारत का नाम टॉप और प्रतिभाशाली कर्मचारियों के हब के रूप में लिया जाता है और हमारा दवा है स्किल बेस्ड प्रोग्राम भारतीय शिक्षा संस्थानों में प्रारम्भ होने से भारत की स्थिति और मजबूत हुई है। आज भारत दुनिया भर में सबसे ज्यादा उच्च शिक्षित और प्रशिक्षित प्रतिभाशाली लोगों का देश है और इस प्रतिभा को और अधिक ढंग से तराशने का काम एम्प्लॉयबिलिटी डॉट लाइफ कर रही है.
ऑस्ट्रेलिया की फेडरेशन यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर डंकन बेंटले ने इस अवसर पर अपने संबोधन में भारत को विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बताया। प्रोफेसर डंकन का कहना है की आज ये एक सच्चाई है की पारंपरिक शिक्षा मॉडल में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाबजूद भी बहुत सारे छात्र किसी वर्कप्लेस पर नौकरी करने के लिए सम्पूर्ण रूप से तैयार नहीं होते। फेडरेशन यूनिवर्सिटी का उद्देश्य भारत में एम्प्लॉयबिलिटी डॉट लाइफ के साथ मिलकर शिक्षा और रोजगार के इस गैप को फुलफिल करना है और इसके लिए फेडरेशन यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया में इस मुद्दे के समाधान के लिए अपने दशकों के अनुभव का प्रयोग करेगी । यह साझेदारी शिक्षा के क्षेत्र में नए इंटरनैशनल मॉडल अपनाने के लिए है, जो किसी भी उच्च गुणवत्ता वाले भारतीय शिक्षण संस्थान में अपनाया जा सकता है और छात्रों को कॉर्पोरेट जगत की मांग के अनुसार ढाला जा सकता है.
फेडरेशन यूनिवर्सिटी ने ऑस्ट्रेलिया की अन्य यूनिवर्सिटीज को भी भारत में अपने कैंपस स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया है।
डॉ मल्होत्रा के अनुसार इस तरह के सेंटर एक साथ मिलकर छात्रों को अपनी पढाई के साथ-साथ लाइव प्रोजेक्ट्स पर काम करने वाले अनुभव प्रदान करेंगे, जिससे की ये छात्र दुनिया भर के ऑफिसों या वर्कप्लेस में काम करने के सभी जरूरी योग्यताओं और नॉलेज से सम्पूर्ण हों। हमारे इस प्रोग्राम से इससे भारत की प्रमुख यूनिवर्सिटीज में पढ़ने वाले छात्रों को ग्रेजुएशन से पहले ही इंडस्ट्री के दिग्गजों के संरक्षण में कई तरह के प्रोजेक्ट्स पर काम करने का व्यावहारिक अनुभव मिलेगा। उनको यह अनुभव कोर्स के रूप या कोर्स के साथ की जाने वाली अतिरिक्त गतिविधियों के रूप में प्रदान किया जाएगा।
ऑस्ट्रेलिया की फेडरेशन यूनिवर्सिटी की ओर से ग्रेजुएट्स को कार्यक्षेत्र पर होने वाले जरूरी अनुभव होने का लर्निंग सर्टिफिकेट दिया जाएगा जिससे की कॉर्पोरेट जगत इस तरह के अनुभवी छात्रों को अपने यहाँ पर एम्प्लॉय करने में वरीयता देगा।
प्रोफेसर डंकन ने बताया फेडरेशन यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया में भी इस तरह का महत्वपूर्ण बदलाव ला रही है और इसके लिए कॉपरेटिव एजुकेशन मॉडल लॉन्च किया है। इस मॉडल में अंडरग्रेजुएशन कर रहे और प्रोफेशनल डिग्री हासिल कर रहे छात्रों को वर्कप्लेस पर काम करने के प्रभावी तरीके सिखाए जाएंगे, जिसके लिए उन्हें पैसे भी मिलेंगे। इस मॉडल को इंडस्ट्री के पार्टनर्स का समर्थन हासिल है। इससे इंडस्ट्री को ऐसे ग्रेजुएट्स मिल सकेंगे, जो कंपनी में काम करने के लिए आवश्यक गुणों और विशेषज्ञता से लैस होंगे.