दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को लगाई फटकार, बीजेपी नेता ने बोला हमला

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (07 नवंबर 2023): दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण से राजधानी दिल्ली गैस चैंबर में तब्दील हो गई है। आज सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्ली की केजरीवाल सरकार को जमकर फटकार लगाई है। प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य सरकारें सख्त कदम उठाएं, वरना हमने अपना बुलडोजर शुरू किया तो फिर हम रुकेंगे नहीं। जस्टिस कौल ने कहा कि अगर मैं बुलडोजर चलाऊंगा तो अगले 15 दिनों तक नहीं रुकूंगा।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद बीजेपी ने केजरीवाल सरकार पर जमकर हमला बोला है। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल एक विजनलेस मुख्यमंत्री हैं जिनके पास प्रदूषण पर कोई ठोस कार्य योजना नहीं है और उन्होंने प्रदूषण पर दिल्ली और पंजाब दोनों राज्यों के लोगों को धोखा दिया है। सचदेवा ने कहा कि आज सुबह माननीय सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और उत्तर भारत के प्रदूषण पर कुछ टिप्पणियां की है वह विजनलेस मुख्यमंत्री को आईना दिखाने के बराबर है।

दिल्ली की जनता को लगता था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल अब तो सचेत होकर प्रदूषण पर बोलेंगे मगर खेद का विषय है कि उन्होने अपनी पत्रकारवार्ता में एक शब्द भी प्रदूषण पर नहीं बोला।।15 दिन से दिल्ली के मुख्यमंत्री, पर्यावरण मंत्री के साथ ही पूरी आम आदमी पार्टी दिल्ली में प्रदूषण के लिए हरियाणा पर दोष मढ़ने का प्रयास कर रहे थे। लेकिन आज माननीय सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एवं उत्तर भारत की प्रदूषण स्थिति का संज्ञान लेते हुए सुनवाई की। सुनवाई के दौरान माननीय सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को बिना कोई बहाना बनाये तुरंत राज्य में पराली जलने से रोकने का निर्देश दिया। न्यायालय में चली सुनवाई में राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश में पराली जलाने का भी जिक्र आया मगर लम्बी सुनवाई के बाद हरियाणा का कोई जिक्र नहीं आया जिससे स्पष्ट है कि आम आदमी पार्टी हरियाणा को राजनीतिक रूप से बदनाम करने का प्रयास कर रही थी।

ओड इवन वाहन प्रतिबंध पर माननीय सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी ने भाजपा के स्टेंड की पुष्टी की है की यह सिर्फ छलावा स्कीम है। उन्होंने कहा कि जो मुख्यमंत्री दिल्ली के विकास में अपना शेयर नहीं दे रहे हैं वह यह पूछ रहे हैं कि केंद्र सरकार क्या कर रही है। केजरीवाल मंत्रिमंडल की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से करते हैं और अगर वह ईमानदार हैं तो बताए कि प्रदूषण के लिए कितनी बैठके की है।

सचदेवा ने कहा कि 6 नवंबर तक के आंकड़े बताते हैं कि कुल 29641 केस पराली जलाने के आए हैं, जिनमें से अकेले पंजाब में लगभग 20 हजार से अधिक है। सिर्फ कल ही पंजाब से 80 फीसदी पराली जलने के केस आए हैं जो दिल्ली को दम घुटने के लिए काफी था। दिल्ली में जो भी इलेक्ट्रिक बसें आई हैं सब केंद्र सरकार ने दी हैं और ईस्टर्न वेस्टर्न पेरीफेरल और मेट्रो का विस्तार सब कुछ केंद्र सरकार द्वारा किया गया जबकि दिल्ली सरकार ने इसमें अपने हिस्से का पैसा देने से हाथ खड़े कर लिए।

उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली के प्रदूषण को बचाना है तो दिल्ली सरकार को पूरे साल काम करना पड़ेगा। आज अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि दिल्ली ने एक ऐसे मुख्यमंत्री को चुना है जो पर्यटन में व्यस्त है और उसे दिल्ली के विकास से कोई मतलब नहीं है। हरीश खुराना ने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने ऑड इवन लगा दिया लेकिन क्या उनके पास उतनी ट्रांसपोर्ट सुविधा है जिससे दिल्ली की जनता बिना किसी परेशानी के सफर कर सके। दिल्ली में 13000 बसों की जरुरत है लेकिन आज दिल्ली के अंदर लगभग 7000 बसें हैं और दिल्ली सरकार यह उम्मीद कर रही है सभी से कि वे पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग करें।

खुराना ने कहा कि रेड लाइट ऑन इंजन ऑफ की बात करने वाले केजरीवाल जवाब दें कि इस अभियान पर लुटाए गए 55 करोड़ रुपये का आज परिणाम क्या है। प्रदूषण कितना कम हुआ इसका जवाब केजरीवाल दें क्योंकि आर टी आई जवाब में दिल्ली सरकार ने कहा है कि इस अभियान से प्रदूषण की कमी में कोई अंतर नहीं पड़ा है। पराली घोल पर भी सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल से हिसाब मांगा है और उनके पास कोई जवाब नहीं था।