टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (25/10/2023): एनसीईआरटी ने अपने सिलेबस में फिर से एक बड़ा बदलाव किया है। समय-समय पर एनसीईआरटी अपने सिलेबस में बदलाव करती रही है जिसके कारण एनसीईआरटी पर कई बार सवाल भी खड़े होते रहे हैं। एनसीईआरटी यानी कि नेशनल काउंसिल आफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग ने एकबार फिर अपने सिलेबस में बदलाव किया है।
एनसीईआरटी सिलेबस में बदलाव को लेकर छात्रों की क्या कुछ राय है यह जानने की कोशिश जब टेन न्यूज़ ने की तो हमारी मुलाकात श्रनदीप सिंह से हुई। श्रणदीप ने बताया कि एनसीईआरटी सिलेबस में बदलाव होने से कुछ नहीं होगा सरकार की एक सोची समझी मंशा है इसके पीछे। चुनाव होने वाले हैं इसको देखते हुए सरकार की तरफ से यह फैसला लिया गया है।
इंडिया और भारत में कुछ अलग नहीं है, इंडिया इस भारत और भारत इस इंडिया के संविधान में लिखा हुआ है। तो यह बदलाव क्यों किया गया है? यह सब को पता है की सरकार एक एजेंडे के तहत अपना काम कर रही है। अगर बदलाव करना है तो शिक्षा प्रणाली में करना चाहिए जिससे आने वाले छात्रों को और फायदा हो।
हिमांशु रावत नाम के युवा ने बताया कि इंडिया के जगह अब भारत का प्रयोग एनसीईआरटी के किताबों में होगा यह सही फैसला है। हम इसका स्वागत करते हैं। इंडिया अंग्रेजी नाम है हिंदी हमारी मातृभाषा है, इंडिया के जगह भारत का इस्तेमाल किया जाएगा यह खुशी की बात है हम इसका स्वागत करते हैं।
ऋषभ सिंह नाम के युवा ने कहा कि यह काम बहुत पहले हो जाना चाहिए था। पूर्व की सरकारें ऐसा नहीं कर पाई बीजेपी की सरकार यह कर पाई इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का धन्यवाद करता हूं। ब्रिटिशों द्वारा दिया गया इंडिया नाम को जड़ से मिटाने के लिए कवायद शुरू हुई है इसी कड़ी में अब एनसीईआरटी ने यह फैसला लिया है कि हम इसका स्वागत करते हैं हमें कोई आपत्ति नहीं है।
ज्ञान प्रकाश नाम के व्यक्ति ने बताया कि इंडिया और भारत से किसी को कोई आपत्ति नहीं होना चाहिए संविधान में दोनों शब्दों का इस्तेमाल किया गया है लेकिन ब्रिटिशों द्वारा दिया गया नाम अगर बदल गया है तो इसमें किसी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। इंडिया की जगह भारत बहुत पहले कर देना चाहिए था लेकिन यह नहीं हुआ अब हुआ है इसका इसलिए हम स्वागत करते हैं।।