By नवीन दुबे-एडवोकेट
राजनैतिक विश्लेषक
टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (13 सितंबर 2023): 18 से 22 सितंबर को आयोजित होने बाले संसदीय सत्र के विषय मे कयास लगाए जा रहे हैं मेरा अनुमान है कि सरकार लोकसभाएँ छोटी करने और इनकी संख्या 800 या 888 के आसपास करने के लिए सरकार बिल लाएगी जनसंख्या के आधार पर लोकसभा क्षेत्र तय हो सकते हैं ऐसे में गौतमबुद्ध नगर की लोकसभा 2 या 3 सीट में विभाजित की जा सकती है ।
शहरी क्षेत्र में लगभग 600 सीटें आएंगी और ग्रामीण क्षेत्र में करीब 250 के आसपास । भाजपा का वोटर शहरी क्षेत्र से है ऐसे में 450 सीट 600 में से जीतना उसके लिए बहुत ही आसान होगा इसीलिए मोदी ने डंके की चोट पर कहा है कि 2024 में स्वतंत्रता दिवस पर वही फिर झंडा फहराएंगे ।
जहां से जो भी सांसद हैं उनकी टिकट नहीं कटेगी बेशक यदि किसी की काटी भी गयी तो उसी जाति का प्रत्यासी भाजपा उस लोकसभा क्षेत्र से देगी भी ताकि जातिगत समीकरण बने रहें ।
उत्तर प्रदेश में केंद्र वनाम योगी शीत युद्ध चल रहा है कायदे की गुटबाज़ी हावी है ऐसे में 2024 में मोदी सरकार बनने के बाद कोई बड़ी बात नहीं है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी को केंद्र में ले लिया जाए और यहां केशव मौर्य या ब्रजेश पाठक में से कोई मुख्यमंत्री बना दिया जाए ।
बात इंडिया गठबंधन की करें तो विपक्ष अभी ऊपरी तौर पर एकसाथ है लेकिन आंतरिक तौर पर सब एक दूसरे के खिलाफ हैं और सीटों को लेकर सामंजस्य बैठना आसान नहीं होगा । यू पी में बसपा का हासिये पर रहना भाजपा के लिए मुफ़ीद है क्योंकि बसपा के पास 18% दलित +14% मुसलमान+12% ब्राह्मण पहले भी सरकार बनवा चुके हैं ऐसे में कुल वोट प्रतिशत बसपा का 44% उत्तर प्रदेश में अकेले बैठता है लिहाजा भाजपा कभी नहीं चाहेगी कि बसपा बढ़े इसीलिए आज बसपा हासिये पर है जबकि सपा के पास 7% यादव+14%मुसलमान+10% पिछड़े व अन्य यही वोट हैं जिनसे भाजपा को कोई नुकसान कभी होने बाला नहीं है लिहाजा भाजपा चाहती है कि उसका मुख्य विरोधी दल उत्तर प्रदेश में सपा ही रहे ताकि लोकसभा में कहीं कोई समस्या न हो ।
बसपा यदि इंडिया गठबंधन के साथ जाती है तो भाजपा को बड़ी समस्या हो सकती है लेकिन वह जाएगी नहीं क्योंकि उसके कारनामे ED और CBI को बखूबी ज्ञात हैं ……शेष आगे क्रमश: