टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (07 जुलाई 2023): कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुजरात हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। गुजरात हाई कोर्ट ने ‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी के खिलाफ मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने से इनकार करते हुए सत्र न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा है। वहीं अब गुजरात हाई कोर्ट के इस फैसले पर पक्ष-विपक्ष की प्रतिक्रिया सामने आई है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि “राहुल गांधी की संसद से अयोग्यता पर गुजरात हाई कोर्ट की एकल पीठ का फ़ैसला हमारे संज्ञान में आया है। माननीय न्यायाधीश के तर्कों का अध्ययन किया जा रहा है, जैसा कि होना चाहिए। डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी दोपहर 3 बजे मीडिया से इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे। हाई कोर्ट के फ़ैसले ने इस मामले को आगे ले जाने के हमारे संकल्प को दोगुना किया है।”
बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने कहा कि “हम हाई कोर्ट के आज के फैसले का स्वागत करते हैं।” जब उनसे कोर्ट की इस टिप्पणी के बारे में पूछा गया कि राहुल गांधी का इस तरह की टिप्पणी करने का इतिहास रहा है, तो उन्होंने आगे कहा कि “उन्हें इसके बारे में सोचना चाहिए और ऐसे इतिहास नहीं बनाने चाहिए।”
याचिकाकर्ता और बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी के वकील हर्षित एस. टोलिया ने कहा कि “कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए जो कहा उससे हमें समझ आता है कि निचली अदालत का फैसला सही है। विधायक या सांसद होने के कारण किसी को विशेष फायदा नहीं मिल सकता। अभियुक्त के खिलाफ बहुत से ऐसे मामले हैं। कोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए याचिका खारिज़ कर दी है।”
कांग्रेस नेता शक्तिसिंह गोहिल ने कहा कि “राहुल गांधी ने ललित मोदी-नीरव मोदी के खिलाफ बोला जो देश को लूटकर भाग गए। उन्होंने ये बात कर्नाटक में कही। सूरत कोर्ट का कोई क्षेत्राधिकार नहीं था। प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। राहुल गांधी के मामले में कुछ भी ठोस नहीं है। हमें पूरा यकीन है कि हमें न्याय मिलेगा।”
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कहा कि “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि न्याय नहीं मिला। ये लोकतंत्र की हत्या है। मगर फिर भी पूरा देश और विपक्ष राहुल जी के साथ खड़ा है।”
बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान कर्नाटक में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने ‘मोदी उपनाम’ को लेकर टिप्पणी किया था। इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी के नेता पूर्णेश मोदी ने गुजरात की सूरत की कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि की याचिका दाखिल किया था। इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए राहुल गांधी को दो साल का सुनाया, जिसके बाद उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी गई।