टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली, (15/06/2023): एक तरफ अरविंद केजरीवाल केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली में कांग्रेस पार्टी का साथ चाह रहे हैं तो वहीं कांग्रेस पार्टी लगातार आम आदमी पार्टी पर हमला बोल रही है। कांग्रेस पार्टी ने आज दिल्ली की बदहाल होती शिक्षा व्यवस्था और ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर अरविंद केजरीवाल पर तमाम सवाल खड़े किए हैं।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कम्युनिकेशन सेल के अध्यक्ष और पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज ने कहा कि 2014 के अनुपात में इस साल सरकारी स्कूलों में 10वीं कक्षा के परिणाम में 13 प्रतिशत की कमी आई है। 2014 में जहां परिणाम 98.81 प्रतिशत था, वहीं 2023 में यह घटकर 85.84 प्रतिशत रह गया है। आम आदमी पार्टी की सरकार की बदहाल शिक्षा मॉडल का ही नतीजा है कि जहां 2014 में दसवीं के छात्र 1,80,203 थे वह 2019 में घटकर 1,66167 रह गए। वहीं बाहरवीं के छात्रों में लगभग 36000 की कमी आई है।
अनिल भारद्वाज ने कहा कि 2015 में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में 500 स्कूल, 20 नए कालेज और विश्वविद्यालय बनाने का वादा किया था परंतु 9 वर्षों में कुछ भवनों का निर्माण और क्लास रुमों में रंगरोगन करके भ्रमित करने वाला प्रचार किया कि शिक्षा मॉडल का बेहतर बनाया है। उन्होंने कहा कि आईपी यूनिवर्सिटी के ईस्ट कैम्पस के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल में क्रेडिट लेने की होड़ को पूरी दिल्ली ने देखा था, जिसकी आधारशिला 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए की थी, जिसको बनाने में 10 वर्ष लग गए। उन्होंने कहा कि अधिकारों की लड़ाई लड़ने की बजाय मुख्यमंत्री केजरीवाल को शिक्षा में सुधार के लिए गंभीरता से काम करना चाहिए।
अनिल भारद्वाज ने कहा कि पिछले 6-8 महीनों से दिल्ली की ट्रेफिक व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है उसकी पूरी जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की है क्योंकि केजरीवाल के पास ट्रेफिक व्यवस्था सुधारने के लिए कोई योजना ही नही है जिसके कारण दिल्ली की बदहाल सड़कों पर घंटो-घंटो जाम लगता है, जिसे लोग अपने को बेबस महसूस करते है। उन्होंने कहा कि ट्रेफिक व्यवस्था की बदहाली के लिए सड़कों की बदहाल हालत, सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था का कमजोर होना, निजी वाहनों की बढ़ोतरी सबसे बड़ा कारण है।।