टेन न्यूज नेटवर्क
दिल्ली (12 जून 2023): स्कूली पाठ्यपुस्तकों में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की ओर से हाल ही में किए बदलाव और कई टाॅपिक्स को हटाए जानें पर सलाहकारों ने आपत्ति जताई है। आपत्ति जताते हुए सुहास पालशिकर और योगेंद्र यादव जो 2006-07 में कक्षा 9वीं से 12वीं पॉलिटिकल साइंस की किताबों के मुख्य सलाहकार थे। उन्होंने इन किताबों से अपने नाम हटाने के लिए NCERT को पत्र लिखा है।
सुहास पालशिकर और योगेंद्र यादव ने अपने पत्र में लिखा, ‘युक्तिसंगत बनाने के नाम पर बदलाव को उचित ठहराया गया है, लेकिन हम इसके पीछे का तर्क समझ नहीं पा रहे हैं। हम पाते हैं कि पुस्तकों को विकृत कर दिया गया है। इसमें बहुत अधिक और अतार्किक काट-छांट की गई है और काफी बातें हटाई गई हैं लेकिन इसके कारण उत्पन्न कमी को पूरा करने का प्रयास नहीं किया गया है।’
NCERT (राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद) की पाठ्यपुस्तकों से सुहास पालसीकर और योगेंद्र यादव का नाम हटा लिया गया है। एनसीईआरटी ने यह कार्रवाई योगेंद्र यादव और सुहास पालसीकर के अनुरोध पर ही की है।
गौरतलब है कि इससे पहले रोमिला थापर, जयंती घोष, मृदुला मुखर्जी, अपूर्वानंद, इरफान हबीब और उपिंदर सिंह जैस शिक्षाविदों व इतिहासकारों ने एनसीईआरटी की किताबों में किए गए बदलाव की आलोचना की थी। इन इतिहासकारों ने कहा है कि स्कूल की पाठ्य पुस्तकों से इतिहास से जुड़े अध्यायों को हटाना ‘विभाजनकारी और पक्षपातपूर्ण’ कदम है। इतिहासकारों ने एनसीईआरटी से कुछ अध्यायों को हटाने का निर्णय वापस लेने की मांग की है।।