टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (22/01/2023): दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज रविवार को विदेश से प्रशिक्षण लेकर आए 1400 शिक्षकों के साथ बातचीत किया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी मौजूद रहे। इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इरादा था कि सरकारी स्कूलों के बच्चों को अच्छी शिक्षा देंगे। उनके लिए हमने टीचर्स-प्रिंसिपल को देश विदेश में बेस्ट ट्रेनिंग के लिए भेजा, मैनेजर से लीडर बने। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि आपके कॉन्फिडेंस और एनर्जी का आधा ट्रांसफर हो रहा है, तभी हमारे स्कूल कमाल कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे देश में हमेशा से एक सामंतवादी सोच चली आ रही है। सरकारी स्कूल में गरीब बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों को ट्रेनिंग लेने के लिए विदेश भेजने की क्या ज़रूरत? जब स्टीफन हॉकिंग का कॉलेज, न्यूटन का पेड़ देखते हो, वो ज़िंदगी भर का अनुभव होता है। सेमिनार में ज्ञान मिलता है, अनुभव नहीं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बने 8 साल हो गए, बस 2 बार विदेश गया हूं, मैं चाहता हूं आप जाएं, मेरे जाने से क्या होगा? सवाल आया कि सरकार स्कूल के प्रधानाचार्यों और शिक्षकों को विदेश भेजने की क्या ज़रूरत? उसको हमने तोड़ा, शिक्षा में अच्छा होता हुआ दिखता है तो मनीष सिसोदिया आपको सीखने भेजते हैं।
उन्होंने कहा कि अब दिल्ली के सरकारी स्कूलों को दुनिया के स्कूलों के साथ प्रतिस्पर्धा करना है। पहले हम चाहते थे कि सरकारी स्कूल, प्राइवेट स्कूल से अच्छे बने, वो बन गए। अब हम चाहते हैं कि दिल्ली के सरकारी स्कूल, विश्व के स्कूलों से अच्छे बने।
उन्होंने कहा कि हमारे आलोचक भी मानते हैं कि दिल्ली के शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव हुआ है। ये प्रधानाचार्य-शिक्षक और दिल्ली के 2 करोड़ लोगों की उपलब्धि है। जो देश को उम्मीद देती है कि सरकारी स्कूलों के ग़रीब बच्चों को भी अच्छी शिक्षा मिल सकती है।
उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल हो गए हैं कि गरीबी-हटाओ, गरीबी-हटाओ। सारे पार्टी ने नारे लगाए लेकिन आज़ादी के बाद एक ही योजना बना लेते कि देश के हर बच्चे को अच्छी शिक्षा दे देते। तो आज देश के हर परिवार में गरीबी छोड़िए, अमीरी आ जाती।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूलों के बच्चे बिना कोचिंग के जेईई-नीट पास कर रहे हैं। बिजनेस ब्लास्टर्स, हैप्पीनेस क्लासेस, देशभक्ति पाठ्यक्रम जैसे प्रोग्राम शुरू हो रहे हैं। शिक्षा का पूरा नैरेटिव बदल रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण एक सतत प्रक्रिया है। आपको बार बार विदेश भेजेंगे। लोग इसे ख़र्चा मानते है, मैं कहता हूँ इससे अच्छी इन्वेस्टमेंट नहीं हो सकती। 4 पुल-सड़क कम बना लो, लेकिन अगर शिक्षकों को बेस्ट ट्रेनिंग दे दी, तो ये बच्चे न जाने कितने पुल-सड़क बना लेंगे।
उन्होंने कहा कि अगर कोई बीजेपी-कांग्रेस वाला या किसी राज्य का मुख्यमंत्री कहेगा कि हमें भी स्कूल ठीक करने हैं तो मैं मनीष सिसोदिया को उन्हें लोन में दे दूंगा। हमारे शिक्षकों ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों के प्रति देश में जिज्ञासा पैदा कर दी है।
अरविंद केजरीवाल ने सवाल करते हुए कहा कि कोई एक ऐसा देश बता दो जो अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिए बिना ही विकसित हुआ हो? कोई एक ऐसा देश बता दो जो अच्छी शिक्षा देने के बाद भी ग़रीब रह गया हो? अगर हमें विकसित देश बनना है तो हमें अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देनी ही होगी।