टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (03/01/2023): उत्तर पूर्वी दिल्ली में 2020 में हुए दंगे के दो आरोपियों को अदालत ने बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि एकमात्र गवाह के ‘संदिग्ध व्यक्ति’ होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। अदालत ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज किया गया है और आरोपी को गिरफ्तार कर और कुछ गवाहों की व्यवस्था कर जांच का दिखावा किया गया। ऐसे में सबूत कैसे अदालत की कसौटी पर खरे उतरेंगे। अदालत ने कहा कि यह ‘पीड़ितों की पीड़ा’ के प्रति पूरी तरह से उदासीनता है।
अदालत अजय और गौरव पांचाल के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई कर रहे थे, जिनपर दंगाइयों के गैर कानूनी जन समूह का सदस्य होने, अवैध हथियारों से लैस होने और संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन की आड़ लेकर तोड़-फोड़, हिंसा, आपराधिक घुसपैठ और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप थे।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, दोनों आरोपी उस भीड़ का हिस्सा था, जिसने 25 फरवरी 2020 को उत्तर पूर्वी दिल्ली के मीत नगर में कपड़ों की दुकान में तोड़-फोड़ और लूटपाट किया था। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अभिनव पांडेय ने 16 दिसंबर को सुनाए गए आदेश में कहा था कि “मेरी राय है कि अभियोजन संदेह से परे अपने मामले को स्थापित करने में विफल रहा। इसलिए आरोपियों को बरी किया जाता है।”