रशिया-युक्रेन युद्ध पर बोलनेवाले कश्मीर के हिन्दुओं पर हुए अत्याचारों के संबंध में क्यों नहीं बोलते ? – प्रा. रेणुका धर बजाज, दिल्ली विश्‍वविद्यालय

       700 कश्मीरी परिवारों से चर्चा कर और वर्षों के अध्ययन के पश्‍चात हिन्दुओं की वास्तविकता प्रस्तुत करनेवाला चलचित्र ‘दि कश्मीर फाइल्स’ बनाया गया है । इस चलचित्र में कश्मीरी हिन्दुओं पर हुए अत्याचारों का भीषण सत्य भारतीयों तक पहुंचाने का कार्य किया गया हैपरंतु किसी भी सरकार ने इस संबंध में समिति स्थापित कर सत्य खोजने का प्रयत्न नहीं किया है । प्रसार माध्यमों में कहीं भी इस विषय पर चर्चा होते हुए दिखाई नहीं देती । रशियायुक्रेन युद्ध में लोगों पर हुए अत्याचारों के संबंध में प्रसार माध्यमों ने जितनी जागृति की हैवैसे ही कश्मीर के हिन्दुओं पर हुए अत्याचारों के संबंध में क्यों नहीं बोेला जाताऐसा प्रश्‍न दिल्ली विश्‍वविद्यालय की प्राध्यापिका तथा राजनीतिक विश्‍लेषक रेणुका धर बजाज ने उपस्थित किया । हिन्दू जनजागृति समिति आयोजित ‘दि कश्मीर फाइल्स कश्मीरी हिन्दुओं के नरसंहार का सत्य !’ इस ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद में वे बोल रही थीं । यह विशेष संवाद 11 हजार से अधिक लोगों ने देखा ।

      इस विशेष संवाद में चलचित्र के एक अभिनेता श्रीप्रकाश बेलवाडी ने कहा कि, 32 वर्ष पूर्व भारत के एक राज्य में हिंदुओं के साथ क्या हुआयह भारतीयों को अभी तक ज्ञात नहीं हैयह बहुत दुखद है । वास्तव में गत 32 वर्षों में भारत के हिन्दुओं ने कश्मीरी हिन्दुओं के लिए कुछ नहीं कियापरंतु अब हिन्दुओं को जागृत होकर कश्मीरी हिन्दुओं को न्याय दिलवाना चाहिए । इस चलचित्र पर सर्वत्र चर्चा प्रारंभ होनी चाहिए ।

         इस समय ‘इक्कजुट्ट जम्मू’ नामक संगठन के अध्यक्ष तथा अधिवक्ता अंकुर शर्मा ने कहा किवर्ष 1947 से भारत में हिन्दुओं का नरसंहार हुआयह सभी सरकारों नेप्रसार माध्यमों ने प्रशासकीय अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से नकार दिया है । कश्मीर में हुए नरसंहार पर ‘विशेष जांच दल’ स्थापित कर अन्वेषण करने की कश्मीरी हिन्दुओं की याचिका सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दी है । कश्मीरी हिन्दुओं का नरसंहार हुआयह यदि अस्वीकार किया जा रहा होतो कश्मीरी हिन्दुओं को न्याय कैसे मिलेगा यह नरसंहार अस्वीकृत करना दोगुना नरसंहार करने के समान है । इस समय सनातन संस्था की श्रीमती क्षिप्रा जुवेकर ने कहा किकश्मीरी हिन्दुओं का नरसंहार एक दिन में अचानक नहीं हुआ है । यह षड्यंत्र बहुत पहले से चल रहा था । उसके लिए धन की आपूर्ति की गई । हिंदुओं की सूची बनाकर सर्वत्र वितरित की गईं । ‘हमें कश्मीर चाहिएहिन्दू नहीं !’, ऐसे प्रसिद्धीपत्रक निकाले गएइसकी ओर तत्कालीन राज्य और केंद्र सरकार ने जानबूझकर अनदेखी की है । इस समय हिन्दू जनजागृति समिति के प्रवक्ता श्रीमोहन गौडा ने कहा किगत 10 वर्षों में कश्मीरी हिन्दुओं को न्याय दिलवाने के लिए हिन्दू जनजागृति समिति ने संपूर्ण देश में 500 चित्र प्रदर्शनियां लगाकर तथा अनेक सभाएं आयोजित कर 10 लाख हिन्दुओं को जागृत किया है । कश्मीरी हिन्दुओं को न्याय मिलने तक समिति का यह संघर्ष चलता ही रहेगा ।