डॉक्टर श्यामलाल यादव “राजेश” जी – एक तुम्हारे जाने से सब गीत, अगीत हुए..

कुमार ललित

 

उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान से सम्मानित वरिष्ठ कवि-गीतकार डॉ. श्यामलाल यादव “राजेश” नहीं रहे

साहित्य जगत में छाई शोक की लहर, सोशल मीडिया पर लगा श्रद्धांजलि का तांता

आगरा।
जन्म से साथी रहे हो, जानता हूं
दर्द मेरे मैं तुम्हें पहचानता हूं

वह ख़त जो कुछ ही दिन पहले मैंने तुम्हें लिखा है
वह ख़त मैं लिखता, लिख पाता, मैंने नहीं लिखा है

शून्य गगन के जो भीतर है, बाहर तारांकित है
कवि का उदासीन अंतर्मन तुमसे रेखांकित है..

ऐसे अनेक अद्भुत गीत लिखने वाले कई अमर गीत-कृतियों के रचयिता और उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान से सम्मानित वरिष्ठ कवि- गीतकार डॉ. श्यामलाल यादव ‘राजेश’ जी का कल रात देहांत हो गया। डॉ यादव कोरोना ग्रसित हो गए थे। बुधवार दोपहर ताजगंज स्थित विद्युत शवदाह गृह में उनके पुत्र प्रतीक और विभोर यादव ने उनका अंतिम संस्कार किया।
डॉ. यादव के गीत संग्रह “तुमसे रेखांकित है” पर लघु शोध करने वाले उनके प्रिय शिष्य कुमार ललित ने जब उनके निधन का दुख भरा समाचार सोशल मीडिया पर पोस्ट किया तो साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई। देश के जाने-माने गीतकार रामेंद्र मोहन त्रिपाठी, डॉक्टर सीता सागर, डॉ. विष्णु सक्सेना, डॉ राजीव राज, अशोक रावत, डॉ त्रिमोहन तरल, डॉ सुषमा सिंह, डॉ कुसुम चतुर्वेदी, गोपाल विनोदी, डॉक्टर युवराज सिंह, डॉक्टर ज्योत्स्ना शर्मा, डॉक्टर नीलम भटनागर, डॉक्टर मधुरिमा शर्मा, सुरेश सिंह यादव, मनमोहन भारद्वाज, अमीर अहमद जाफरी, अनिल शर्मा, संजीव गौतम, पूनम भार्गव जाकिर, नूतन अग्रवाल सहित तमाम कवि-साहित्यकारों ने उनके व्यक्तित्व-कृतित्व को याद करते हुए उन्हें अपनी भावभीनी और अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित की।
उनके प्रिय शिष्य कवि कुमार ललित ने अपने गुरुदेव को काव्यांजलि अर्पित की-
अब क्या लिक्खूं-गाऊं मैं,
गुरुदेव तुम्हारे बिन
एक तुम्हारे जाने से सब
गीत, अगीत हुए…