चन्द्रपाल प्रजापति
पुलवामा आतंकी हमले के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बना हुआ है. देशभर में गुस्सा है। हर तरफ से पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग उठ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आतंकी घटना के बाद सेना को फ्री हैंड देने की बात कही थी। मुश्किल की इस घड़ी में तमाम विपक्षी पार्टियों ने भी सरकार का समर्थन किया था। हमले के कई दिन बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान सामने आए थे और उन्होंने भारत से पुलवामा आतंकवादी हमले के सुबूत मांगे थे। हालांकि, उन्होंने किसी भी तरह के हमले का पूरी ताकत के साथ जवाब देने की बात कहकर भारत को गीदड़भभकी भी दी थी।
भारतीय वायुसेना ने एलओसी पार कर पाक अधिकृत कश्मीर में घुसकर जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को तबाह कर दिया है। वायुसेना ने सुबह सुबह ही ये स्ट्राइक की, इस ऑपरेशन में 12 मिराज-2000 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया गया। बता दें कि वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध में मिराज-2000 विमानों का बड़े स्तर पर इस्तेमाल हुआ था। पिछले 20 साल में मिराज ने किसी कार्रवाई में भाग नहीं लिया और अब पाकिस्तान में घुसकर न सिर्फ सफलतापूर्वक एयरस्ट्राइक को अंजाम दिया, बल्कि सुरक्षित वापस भी लौट आए। जिस बालाकोट को वायुसेना ने निशाना बनाया है उसका इतिहास यह है कि महाराजा रंजीत सिंह ने 1831 में यहां सैयद अहमद को मात दी थी। सैयद अहमद उस समय मौजूदा दौर में तालिबान प्रमुख रहे मुल्ला उमर की तरह था।
इजराइल ने भी ऐसे ही अपना बदला लिया था। 75 साल की बूढ़ी महिला थी इजरायल की प्रधानमंत्री गोल्डा मेयर। जिसने पूरी दुनिया को बताया कि इजरायल के नागरिकों पर हमला करने का अंजाम क्या होता है। मोसाद टारगेट को मारने से पहले बुके भेजती थी जिसमें लिखा होता था " ये याद दिलाने के लिए कि हम न तो भूलते हैं न ही माफ करते हैं" उसके बाद आतंकवादी के जिस्म में गिनकर 11 गोली दाग दी जाती थीं।
एक तरफ भारतीय वायुसेना ने बॉर्डर पार कर पाकिस्तानी आतंकियों को ढेर कर दिया है। दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों ने एक्शन शुरू कर दिया है। इधर केंद्र सरकार ने पाकपरस्त अलगाववादियों की सुरक्षा वापस ली तो देश के कथित सेक्यूलर राजेनेताओं तथा बुद्धिजीवियों के पेट में मरोड़ें उठ गईं। आश्चर्य होता है कि उमर अब्दुल्ला उन अलगाववादियों के समर्थन में कोर्ट जाने का एलान कर रहे हैं जिनके रूह तक में पाकिस्तान बसा हुआ है तथा वह कश्मीर को हिंदुस्तान से अलग करने की बात करते हैं। अब तो समय आ गया है कि कश्मीर समस्या का हल हो। जो भी भारत विरोधी गतिविधियों में लगे हैं उन पर एफआईआर दर्ज हो, उनकी वोट देने की मान्यता रद्द हो, सब्सिडी से भी वंचित रखा जाय। धारा 370 एवं 35A को तुरंत समाप्त किया जाय । ऐसा पूरा देश मांग कर रहा है। और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी पर देश को पूर्ण विश्वाश भी है।