New Delhi, (8/12/2018): नगर निगम की एक ऑडिट रिपोर्ट दिखाते हुए उत्तरी-पूर्वी दिल्ली के लोकसभा प्रभारी दिलीप पांडे ने कहा कि ये रिपोर्ट आम आदमी पार्टी द्वारा लगे गए आरोपों को सत्यापित करती है की रानी झाँसी फ्लाई ओवर को बनाने में करोडो रूपए का घोटाला किया गया है।
सिलसिलेवार तरीके से फ्लाई ओवर के बनाने में हुए घोटाले पर बात करते हुए कहा कि आप सभी जानते हैं की अगर किसी प्रोजेक्ट में सिर्फ एक ही कंपनी द्वारा आवेदन दिया जाए, तो उस प्रोजेक्ट के लिए दुबारा टेंडर निकालना होता है। लेकिन इस प्रोजेक्ट में ऐसा नहीं किया गया। जिस एक कम्पनी ने टेंडर भरा था उसी को इस फ्लाई ओवर बनाने का ठेका दे दिया गया। दूसरा ये कि बिना काम पूरा किये फ्लाई ओवर की उद्घाटन कर दिया गया, जबकि अभी तक हौल्टी कल्चर विभाग से एनओसी नहीं मिली है, अभी भी 140 स्क्वायर मीटर ज़मीन का घेराव करके फ्लाई ओवर के यातायात को सामान्य करने का काम बाकी है। पर क्यूकी इसमें घोटाला किया गया था, और बात खुल गई, आम आदमी पुरजोर तरीके से भाजपा का भ्रष्टाचार जनता के सामने लाने लगी, इसीलिए आनन्-फानन में इसका उद्घाटन कर दिया गया। तीसरा, ऑडिट रिपोर्ट में बिन्दु नम्बर 3.8 पर लिखा है कि 2008 से 2013 यानी पांच साल तक इस फ्लाई ओवर पर कोई काम नहीं किया गया।
हमने हर बार अपनी प्रेस वार्ता में कहा था कि इस प्रोजेक्ट में बहुत सारे नियमों का उलंघन किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार CPWD ने कहा है कि इस प्रोजेक्ट में ज़मीन अधिग्रहण नियम का उलंघन किया गया है। क्यूकी किसी भी प्रोजेक्ट को शुरू करने से पहले ज़मीन अधिग्रहण क्लियरेंस ज़रूरी होता है, परन्तु इस प्रोजेक्ट में ऐसा नहीं किया गया। एक और भ्रष्टाचार इसमें ये किया गया है कि समय समय पर कई सुझावकर्ता रखे गए, और उनको लाखो रूपए का भुगतान किया गया, परन्तु कही पर कोई लेखा जोखा नहीं है कि ये किस प्रकार के सुझावकर्ता थे और किस लिए रखे गए थे। प्रोजेक्ट कोस्ट पर बात करते हुए उन्हने कहा कि प्रोजेक्ट कोस्ट में निगम में किसी से बिना इजाजत लिए, अपने आप ही ढाई करोड़ रूपए कोस्ट में बढ़ोतरी कर ली। किसी भी प्रोजेक्ट में क्वालिटी टेस्टिंग कोस्ट 1 परसेंट होती है, उस हिसाब से क्वालिटी चेक में 1 करोड़ रूपए खर्च होना चाहिये था, लेकिन लगभग 7 करोड़ रुपया इस प्रोजेक्ट के क्वालिटी चेक में खर्च किया गया जो की बिलकुल गैर-कानूनी है। रिपोर्ट के मुताबिक एक सरकारी ज़मीन का टुकड़ा, जिसके सम्बन्ध में साफ तौर पर लिखा हुआ है कि इस प्रोजेक्ट के लिए इस ज़मीन का इस्तेमाल किया जा सकता है वो भी बिना किसी भुगतान के। परन्तु ये बड़े ही आश्चर्य की बात है की इसके लिए भी भाजपा सरकार ने 9 करोड़ रूपए का भुगतान किया है, और ये पैसा किसे दिया गया, उसका कोई हिसाब नहीं है। इसी प्रोजेक्ट में एक 25 करोड़ रूपए की बोगस पेमेंट की किसी अभिषेक नाम के व्यक्ति को की गई है, परन्तु कोई नहीं जनता की ये अभिषेक कौन है, कहाँ है।
इस प्रोजेक्ट में जब जब निगम ने कोस्ट बढ़ाने की मांग करी, UD मिनिस्ट्री ने बिना कुछ सोचे समझे, बिना कोई जांच करे, हर बार कोस्ट बढ़ा दी गई। इस पुरे प्रोजेक्ट में बहुत बड़े स्तर पर घोटाला किया गया है। इस मामले की सुप्रीम कोर्ट द्वारा जांच होनी चाहिये। अगर इसकी उच्चस्तरीय जांच होती है तो भाजपा का एक एक नेता जेल की सलाखों के पीछे होगा।
प्रेस वारा में मौजूद उत्तरी दिल्ली निगम के नेता विपक्ष अनिल लकड़ा ने कहा कि एक तरफ तो दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार 500 करोड़ के फ्लाई ओवर को 250 करोड़ रूपए में बना कर जनता के 250 करोड़ रूपए बचा लेती है, वहीं भाजपा शासित नगर निगम 77 करोड़ रुपया का फ्लाई ओवर लगभग 800 करोड़ रूपए में बनाकर जनता का कई सो करोड़ रूपए डकार जाते हैं। उन्होंने बताया की कल जब स्टेंडिंग कमिटी की मीटिंग में चीफ औदिटर ने यह रिपोर्ट पेश की तो वहां मौजूद भाजपा और कांग्रेस के पार्षदों के चेहरे उतर गए थे। भाजपा और कांग्रेस दोनों के निगम पार्षद चीफ औदिटर से लड़ने लगे की आपने ये रिपोर्ट यहाँ क्यों रखी। इसका मतलब साफ़ है की ये दोनों ही पार्टिया निगम की इस लूट में बराबर के शामिल हैं।