नई दिल्ली. गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान होने वाली सभाओं में कांग्रेस सहित किसी भी दल के साथ मंच साझा करने से साफ इंकार करते हुए कहा कि इस चुनावों में बीजेपी को हराना ही उनका मुख्य लक्ष्य है. पाटीदारों को आरक्षण दिये जाने के फार्मूले के बारे में उन्होंने अपने पत्ते नहीं खोलते हुए कहा कि इस बारे में संविधान विशेषज्ञों और राजनीतिक दलों को तय करना है.
जिग्नेश ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, इस बार गुजरात विधानसभा का चुनाव बेहद ऐतिहासिक एवं निर्णायक साबित होने जा रहा है. प्रगतिशील एवं लोकतांत्रिक ताकतों को साथ आकर इस चुनाव में बीजेपी को उसी के मैदान में हराना है. उन्होंने कहा कि गुजरात चुनाव में बीजेपी को हराने के बाद ही 2019 में बीजेपी को सत्ता से बाहर रखा जा सकता है.
उन्होंने कहा कि बीजेपी जिस गुजरात मॉडल और वाइब्रेंट गुजरात की चर्चा करती है, वहां 25 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं, 50 प्रतिशत आदिवासी क्षेत्रों में पेयजल की व्यवस्था नहीं है तथा 50 हजार दलित मैला उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि विकास के मुद्दे पर वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ किसी भी स्थान और किसी भी समय बहस करने के लिए तैयार हैं.
यह पूछे जाने पर कि क्या वह कांग्रेस से हाथ मिलायेंगे या कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ मंच साझा करेंगे, जिग्नेश ने कहा, हम किसी भी राजनीतिक दल के साथ मंच साझा नहीं करेंगे. भले ही वह कांग्रेस ही क्यों न हो. उन्होंने कहा कि आगामी छह दिसंबर को बाबा साहेब अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर अहमदाबाद में वह एक सभा करेंगे जिसमें दलित, पाटीदार एवं अन्य वर्ग के नेता भाग लेंगे.