बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार और इस्कॉन संत की गिरफ्तारी पर राघव चड्ढा ने की चर्चा की मांग

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (29 नवंबर 2024): आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने शुक्रवार को राज्यसभा में बांग्लादेश में हिंदू समुदाय (Hindu Community) के खिलाफ हो रहे अत्याचार (Persecution) और इस्कॉन मंदिर (ISKCON Temple) के संत चिन्मय दास की गिरफ्तारी (Illegal Arrest) का मुद्दा उठाया। उन्होंने नियम 267 (Rule 267) के तहत नोटिस देकर सदन में इस विषय पर तत्काल चर्चा की मांग की।

राघव चड्ढा ने कहा कि यह विषय अत्यंत गंभीर (Critical Issue) है और इसे प्राथमिकता (Priority Discussion) के आधार पर लिया जाना चाहिए। उन्होंने विदेश मंत्री (External Affairs Minister) से अनुरोध किया कि वे सदन को बताएं कि बांग्लादेश सरकार (Bangladesh Government) के साथ बातचीत में इस मामले को लेकर अब तक क्या कदम उठाए गए हैं। उन्होंने पूछा कि क्या बांग्लादेश में हिंदू समुदाय अब सुरक्षित (Safety of Hindus) है और क्या चिन्मय दास जी को जल्द रिहा (Release of Chinmoy Das) किया जाएगा।

सांसद ने कहा कि भारत सरकार (Indian Government) को इस मुद्दे पर कड़ा रुख (Strong Stance) अपनाना चाहिए और बांग्लादेश सरकार के खिलाफ राज्यसभा में एक निंदा प्रस्ताव (Condemnation Resolution) लाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि यह प्रस्ताव सर्वसम्मति (Unanimous Approval) से पारित किया जाए, ताकि एक मजबूत संदेश (Strong Message) पूरी दुनिया को मिले।

राघव चड्ढा ने केंद्र सरकार से यह भी पूछा कि अब तक इस मामले में क्या परिणाम (Results) हासिल हुए हैं और बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार (Atrocities on Hindus) रोकने के लिए क्या ठोस कदम (Concrete Measures) उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि अगर सदन की कार्यवाही में बदलाव करना पड़े तो किया जाए, लेकिन इस मुद्दे को प्राथमिकता (Priority Action) दी जानी चाहिए।

मीडिया से बातचीत में राघव चड्ढा ने इसे मानवाधिकारों (Human Rights) और धार्मिक स्वतंत्रता (Religious Freedom) का मामला बताया और कहा कि भारत सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अपने पड़ोसी देशों (Neighboring Countries) में अल्पसंख्यक समुदाय (Minority Community) की सुरक्षा सुनिश्चित करे।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यदि भारत इस मामले पर चुप रहता है, तो यह हमारी कमजोरी (Weakness) होगी और इससे गलत संदेश (Negative Message) जाएगा। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों (Political Parties) से इस मुद्दे पर समर्थन (Support) की अपील की और कहा कि यह कोई राजनीतिक विषय नहीं है, बल्कि मानवता (Humanity) का मामला है। राघव चड्ढा ने कहा कि संसद (Parliament) की जिम्मेदारी है कि वह बांग्लादेश में हो रहे इन अत्याचारों की निंदा (Condemnation) करे और सुनिश्चित करे कि वहां के अल्पसंख्यक समुदाय को सुरक्षा (Protection) मिले। उनका यह कदम भारत के पड़ोसी देशों में धार्मिक अल्पसंख्यकों (Religious Minorities) के अधिकारों और सुरक्षा को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

 

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