टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (8 नवंबर 2024): दिल्ली में प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की सरकार ने ड्रोन तकनीक का उपयोग करते हुए प्रदूषण कम करने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की है। इस प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली के हॉटस्पॉट जोन में प्रदूषण नियंत्रण के लिए ड्रोन द्वारा पानी का छिड़काव किया जाएगा। शुक्रवार को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आनंद विहार हॉटस्पॉट पर इस ड्रोन से पानी के छिड़काव का डेमोंस्ट्रेशन किया और इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की।
गोपाल राय ने इस अवसर पर बताया कि दिल्ली में कुल 13 हॉटस्पॉट चिन्हित किए गए हैं, जहां प्रदूषण का स्तर सामान्य से ज्यादा होता है। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पहले ही सड़कों पर मोबाइल एंटी स्मॉग गन के जरिए पानी का छिड़काव किया जा रहा है, लेकिन अब इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत इन हॉटस्पॉट्स के अन्य स्थानों पर भी ड्रोन से पानी का छिड़काव किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट प्रदूषण नियंत्रण में मददगार साबित हो सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां सड़क के अलावा अन्य जगहों पर छिड़काव करना मुश्किल होता है।
गोपाल राय ने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि प्रदूषण को कम करने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाए। पायलट प्रोजेक्ट के तहत, ड्रोन 15 लीटर तक पानी लेकर ऊपर से छिड़काव करता है। इस छिड़काव के प्रभाव का विश्लेषण करने के लिए पर्यावरण विभाग और डीपीसीसी को रिपोर्ट भेजी जाएगी। यदि यह प्रोजेक्ट सफल रहता है तो हम इसे अन्य हॉटस्पॉट्स में भी लागू करेंगे।”
मंत्री ने यह भी बताया कि सर्दी के मौसम में बढ़ते प्रदूषण के लिए दिल्ली सरकार ने 25 सितंबर को एक विंटर एक्शन प्लान की घोषणा की थी। इस योजना में ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल प्रदूषण को कम करने के एक अहम कदम के रूप में किया जा रहा है। इस योजना के तहत 13 हॉटस्पॉट्स पर विशेष एक्शन प्लान तैयार किए गए हैं, और 80 मोबाइल एंटी स्मॉग गन इन क्षेत्रों में तैनात की गई हैं। साथ ही, निर्माण स्थलों की निगरानी के लिए संबंधित अधिकारियों को लगातार निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है।
गोपाल राय ने कहा, “ड्रोन तकनीक प्रदूषण स्रोतों की पहचान करने और उनके नियंत्रण में एक महत्वपूर्ण उपकरण साबित हो सकता है। यह विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों, औद्योगिक क्षेत्रों और अन्य भीड़भाड़ वाले स्थानों में प्रभावी होगा, जहां पारंपरिक तरीकों से छिड़काव करना मुश्किल है।”
इस परियोजना के तहत, 68 स्टैटिक एंटी-स्मॉग गन सड़कों और खुले क्षेत्रों में तैनात की गई हैं, ताकि सड़क की धूल को नियंत्रित किया जा सके। इसके अलावा, 200 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन 70 विधानसभा क्षेत्रों और हॉटस्पॉट्स में तैनात की गई हैं, जबकि ऊंची इमारतों के ऊपर भी 146 एंटी-स्मॉग गन लगाए गए हैं।
पर्यावरण मंत्री ने बताया कि ड्रोन तकनीक के द्वारा प्रदूषक स्रोतों का अधिक प्रभावी ढंग से नियंत्रण किया जा सकेगा, जिससे प्रदूषण में कमी आएगी और दिल्ली के नागरिकों को स्वच्छ हवा मिल सकेगी।।
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