टेन न्यूज नेटवर्क
दिल्ली (20 जुलाई 2023): मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई दरिंदगी ने सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। मानसून सत्र के पहले ही दिन कांग्रेस, शिवसेना और वामदलों सहित सभी विपक्षी दलों के सांसदों ने संसद का कामकाज ठप कर पहले मणिपुर हिंसा पर चर्चा कराने की मांग की है। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने चर्चा की मांग करते हुए कहा है कि यह अत्यंत शर्मनाक और निंदनीय है कि 21वीं सदी में भी एक महिला के साथ इस तरह की बर्बरता की जाती है। उन्होंने सरकार पर इस मामले पर चर्चा से बचने का आरोप लगाया है।
विपक्षी सदस्य सदन में चर्चा की मांग कर रहे हैं और प्रधानमंत्री के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री से जवाब मांगा जा रहा है। वैसे सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि वह मणिपुर समेत सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।
मणिपुर हिंसा और दो महिलाओं के साथ अभद्रता वाले वीडियो पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘मैं देश को आश्वस्त करता हूं, किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। कानून पूरी ताकत से अपना काम करेगा। मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता।’
इसी बीच सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लेकर केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अदालत ने इस मामले पर केंद्र-राज्य सरकार से जवाब मांगा है। वहीं, राज्य सरकार ने इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल करने पर रोक लगा दी है। सरकार को इस वीडियो के वायरल होने पर हिंसा के और ज्यादा भड़कने की आशंका है। यही कारण है कि इस वीडियो को हर प्लेटफॉर्म से हटाने का आदेश दे दिया गया है। लेकिन विपक्षी दलों ने इसे सरकार का मणिपुर की शर्मनाक घटना से मुंह छिपाना करार दिया है।