Odisha Train Accident: ओडिशा रेल हादसे पर क्या कहते हैं भारत के बुद्धिजीवी

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (05 जून 2023): टेन न्यूज नेटवर्क ने एक सार्थक पहल करते हुए भारत के बुद्धिजीवी लोग ओडिशा में हुए भीषण ट्रेन हादसे को लेकर क्या सोचते हैं, इस बारे में उनसे बातचीत की है।

शिक्षाविद एवं समाजसेवी मोहित नागर ने टेन न्यूज से कहा कि “ओड़िशा में हुए अत्यंत वीभत्स एवं दु:खद रेल दुर्घटना के दृश्य देखकर मन अत्यंत विचलित हैं। दिवंगतों एवं हताहतों के परिजनों के प्रति मेरी गहरी शोक संवेदनाएं है। ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वे दिवंगत आत्माओं को मोक्ष एवं घायलों को स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें। ऊं शांति।”

गाजियाबाद के कृष्ण कुमार दीक्षित ने कहा कि ” भारत में रेल नेटवर्क को बढ़ाने, उच्चीकृत करने, तथा वंदे भारत एक्सप्रेस और इसी प्रकार की और अच्छी ट्रेनें चलाने की अभी कोई जरूरत नहीं है। जो ट्रेने पहले से चल रहीं हैं, उनको सही रूप में चलाना, कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों के स्थान पर मानव शक्ति को बढ़ाकर इनका सही संचालन करने की आवश्यकता है। वंदे भारत एक्सप्रेस, शताब्दी, राजधानी,दूरंतो, गरीब रथ और हमसफर इत्यादि ट्रेनों में मुश्किल से कुल रेल यात्रियों का 2% समूह यात्रा करता है। इनको तुरंत बंद करो। बाकी हमें 98% यात्रियों के लिए रेल को सशक्त, सुविधाजनक, उपयोगी, आरामदायक और सुरक्षित बनाना है। वरना इस प्रकार के हादसे होते रहेंगे क्योंकि रेल कर्मचारियों की कमी है। वे तनाव में काम कर रहे हैं और दबाव में काम कर रहे हैं। हमें मानवीय भूलों को कम करके उस पर रोक लगानी होगी ।भारत में ट्रेनों की स्पीड 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक नहीं होना चाहिए और पैसेंजर ट्रेन की स्पीड भी 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की होनी चाहिए। लेकिन हमारी सरकार को रेल नेटवर्क को जापान और इटली से नकल करना अच्छा लगता है। जबकि हमारा इंफ्रास्ट्रक्चर ,हमारी कार्यक्षमता ,आवश्यकता और मनोवृत्ति इस लायक है ही नहीं।”

हिंदी के प्रसिद्ध कवि एवं शायर दुष्यंत जी के पंक्तियों को साझा करते हुए उन्होंने कहा “आपके कालीन देखेंगे किसी दिन। इस समय तो पांव कीचड़ में सने हैं।।”