बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय के ‘शूर्पनेखा’ वाले बयान के समर्थन में उतरी मंत्री उषा ठाकुर, जानें क्या है पूरा मामला

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (08/04/2023): भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के महिलाओं के कपड़ों को लेकर विवादित बयान दिया था। उनके इस बयान पर मध्य प्रदेश की मंत्री उषा ठाकुर ने समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि हमें घर-परिवार, शैक्षणिक स्थल और सार्वजनिक स्थलों पर मर्यादाओं का ध्यान रखना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि कोई वैदिक सत्य सनातन परंपराओं का पालन नहीं कर रहा, यदि उससे विपरीत दिशा में जाता है तो वे राक्षसी वृत्ति का द्योतक कहलाएगा।

मध्य प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि “आज पाश्चात्य संस्कृति हावी हो रही है। आप सब भी और हम सब भी नित्य प्रति दिन देखते हैं और जो बार-बार मैं निवेदन करती हूं कि यदि सभी समस्याओं का हल कहीं है तो वो वैदिक जीवन पद्धति में है, सत्य सनातन परंपराओं में है।”

उन्होंने कहा कि “हमारे वेदों में बताया गया है कि हमारे वस्त्र कैसे हो, हमारा रहन-सहन कैसा हो। हमारे वस्त्र इतने शालीन और सभ्य होने चाहिए कि किसी भी सार्वजनिक स्थान पर हमें देखकर किसी के भी मन में कोई दुर्भावना जन्म ना ले। तो हम अपनी संस्कृति, सभ्यता, संस्कार, सनातन परंपराओं को पहचाने, और सात्विकता के विस्तार पर हमारी संस्कृति सदैव सबसे ज्यादा जोर देती है कि हम संस्कारवान होकर सात्विकता का वातावरण तैयार करें।”

उन्होंने आगे कहा कि “हमें घर-परिवार, शैक्षणिक स्थल और सार्वजनिक स्थलों पर मर्यादाओं का ध्यान रखना चाहिए।हमेशा ऐसी वेशभूषा ऐसे विचार जो लोगों को सकारात्मकता और सात्विकता से भरे ऐसे जीवन पद्धति अपनाना चाहिए।”

कैलाश विजयवर्गीय ‘शूर्पणखा’ वाले बयान पर उन्होंने कहा कि “यदि कोई वैदिक सत्य सनातन परंपराओं का पालन नहीं कर रहा, यदि उससे विपरीत दिशा में जाता है तो वे राक्षसी वृत्ति का द्योतक कहलाएगा।”

आपको बता दें कि कैलाश विजयवर्गीय ने जैन समाज के एक कार्यक्रम में महिलाओं को लेकर विवादित बयान दिया था। इस दौरान उन्होंने ढ़ंग की कपड़े न पहनने वाली लड़कियों की तुलना ‘शूर्पणखा’ से किया था। उन्होंने कहा था कि “लड़कियां भी इतने गंदे कपड़े पहनकर निकलती हैं कि अपन महिलाओं को देवी बोलते हैं। उनमें देवी का स्वरूप ही नहीं दिखता। बिल्कुल शूर्पणखा लगती है। सच में, अच्छा सुंदर भगवान ने शरीर दिया है। जरा अच्छा कपड़ा पहनो यार। बच्चों को आप संस्कार डालिए। मैं बहुत चिंतित हूं।”