टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली, (17/03/2023): 2024 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एकतरफ विपक्षी पार्टियों के एकजुट होने की बात चल रही है तो वहीं दूसरी तरफ थर्ड फ्रंट की भी कयास लगाई जा रही है। इस बीच दिल्ली के जंतर मंतर से “भाजपा हराओ” अभियान की शुरुआत हुई है। 2024 चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को घेरने में अलग अलग पार्टियां जुटी है।
जंतर मंतर पर “भाजपा हराओ” अभियान की अध्यक्षता कर रहे नेशनल पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक डॉ एम.यू दुआ ने टेन न्यूज से कहा कि कि भारत एक सेक्युलर देश है। लोकतांत्रिक देश में हमें समतामूलक समाज की स्थापना हेतु संकल्पित होना होगा। जातिपाती तथा ऊंच-नीच के भेदभाव को समाप्त कर सबका साथ सबका विकास करना होगा। सत्ताधारी पार्टियां विनाश करने में लगी है। आज लोग सहमे हैं। बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा, स्वास्थ्य की बदहाली पर सत्तापक्ष का उदासीकरण देश को विनाश की ओर ले जा रहा है।
सत्ता पक्ष घोषणापत्रों में जनहित एवं राष्ट्रहित के लिए किए गए वायदों को दरकिनार कर झूठ और नफरत के आधार पर झूठा सपना दिखा रहा है। बुद्धिजीवी वर्ग गांधीजी के तीन बंदर बने हुए हैं और सत्ता पक्ष हमारे नौजवानों को दिशाविहीन कर निर्धनता की तरफ धकेल रहा है। शिक्षा और स्वास्थ्य का व्यवसायीकरण और पर्यावरण को दूषित कर सिर्फ कुर्सी का खेल खेला जा रहा है। ऐसी स्थिति में किसी भी पार्टी को जादुई आंकड़ा 272 प्राप्त न हो और देश की लगभग 42 लाख एनजीओ और 5,500 पार्टियों का साथ व विकास होना चाहिए। सभी जनहित और राष्ट्रहित में काम करना चाहते है, पर केन्द्र सरकार इस काम में रूकावट डाल रही है।
डॉ एम.यू दुआ ने कहा कि जो सत्ता में है हम उसकी कार्यशैली के विरोधी है। विकास कॉरपोरेट हाउस का हो रहा है और जनता का विनाश हो रहा है। संपूर्ण भारत में भाजपा की स्वीकार्यता नहीं है। आखिरकार देश पर राज करने वाली भाव तमिलनाडु, केरल, बंगाल, व अन्य में जीरो क्यों है ? लोकतंत्र को राष्ट्रतंत्र में बदलने की साजिश को रोकने के लिए एकजुट होकर सत्ता पक्ष यानि भाजपा के विरोध में भाजपा हराओ अभियान का सभी सहभागी बन रहे हैं।
हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री आदरणीय सम्माननीय नरेन्द्र दामोदर दास मोदी जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा। लेकिन अभिन्न मित्र को पूरी दावत उसने दूंगा, यह छुपा दिया। जैसे उन्होंने एक जगह कहा कि खाली झोला लेकर आया हूं और झोला उठाकर चला जाऊंगा। उन्होंने यह नहीं कहा कि झोले में कितना माल ले जाऊंगा।
आज अडानी को जीरो से हीरो बनाने में आदरणीय मोदी जी की सहभागिता और अन्य कई छुपे हुए कारपोरेट हाउस जिसका समय पर नाम उजागर हो जाएगा कि सहभागिता मिल रह है। यह देश की लूट नहीं तो क्या है ? आज भारत के तमाम पब्लिक सेक्टर, संस्थाएं प्राइवेट कम्पनियों को औने-पौने दामों पर बेची जा रही हैं। सभी एजेंसियों को उंगलियों पर नाचाया जा रहा है।
यह दुर्भाग्यपूर्ण नहीं तो और क्या है ? जहां बैंकिंग सेक्टर किसी को लोन 100 प्रतिशत नहीं देते और गहन जांच की प्रक्रिया से लोन लेने वालों को गुजरना पड़ता है, तब जाकर 100 प्रतिशत की सिक्युरिटी लेकर ज्यादा से ज्यादा 50 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक लोन दिया जाता है। लेकिन कुछ कारपोरेट हाउस को हजारों गुना लोन बिना सिक्युरिटी जांच के दिया जाता है। यह खुल्लम-खुल्ला लूट नहीं तो क्या है ? प्रॉपर्टी और शेयर का दाम हजारों गुना बढ़ा-चढ़ाकर मार्केटिंग कर अधिक से अधिक लोन लेना और फिर लाखों-करोड़ों लोन माफ करना यह सारा खेल किसके इशारे पर, किसके सहयोग से होता है ? यह आज देश का बच्चा भी जानता है।
डॉ एम. यू दुआ ने कहा कि देश आर्थिक मंदी में डूब चुका है। हर जनता के ऊपर लाखों रूपये का कर्ज का बोझ आ पड़ा है। फिर भी देश के प्रधानमंत्री आन-बान-शान लेकर तथाकथित मीडिया के द्वारा विश्व का गुरू, महान नेता घोषित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। हमारी भोली-भाली जनता बारीकियों को नहीं समझती। बिके हुए दलाल मीडिया के बहकावे में और प्रधानमंत्री के मार्केटिंग की दक्षता में फंस कर ‘जय हो’ का उदघोष हमें मूर्खता लगता है। हमारे बहुत सारे बुद्धिजीवि, समाजसेवी, विद्वान, वकील समूह, विपक्षी पार्टियां, छोटे-बड़े पार्टियों के अध्यक्ष और संस्थाओं के समूह समय-समय पर आवाज उठाते हैं।
कुछ खुलासा करना चाहते हैं, लेकिन हमारे देश के प्रधानमंत्री अपने विशेषाधिकार का प्रयोग कर ऐनकेनप्रकारेण तरीके से दबाकर सराकर सबको चुप करा देते हैं। यह कब तक चलेगा ? बोलने की अभिव्यक्ति, मौलिक अधिकारों का हनन आम बात हो गई है। यह लोकतंत्र की हत्या नहीं तो क्या है ? समय रहते भारतवासियों को अपना लोकतंत्र बचाओ, भाजपा हराओ अभियान का समर्थन करना होगा।।