टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (09 मार्च 2023): सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के 235 सदस्यों ने SCBA अध्यक्ष विकास सिंह द्वारा टिप्पणी के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल एवं एन.के.कौल द्वारा बार की तरफ से माफी मांगने पर नाखुशी व्यक्त की है। SCBA के 235 सदस्यों ने “मुद्दे को जाने बिना और कार्यकारी समिति में किसी से परामर्श किए बिना” माफी मांगने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ताओं के खिलाफ कारवाई की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया है।
इस पूरे प्रकरण पर क्या कहते हैं सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता
इस पूरे मामले को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु दत्त शर्मा ने टेन न्यूज से टेलीफोनिक बातचीत में कहा कि ” कपिल सिब्बल जी और नीरज किशन कौल जी उच्चतम न्यायालय के एवं सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। जहां तक माफी मांगने की बात है तो पहले उन्हें एसोसिएशन में बात कर लेनी चाहिए थी। और SCBA के अध्यक्ष विकास सिंह का इसमें कोई व्यक्तिगत लाभ नहीं है सभी वकील भाइयों एवं बहनों के हित में है। जहां तक मेरे मत का प्रश्न है तो मैं अपने सभी वकील मित्रों के साथ हूं।” साथ ही उन्होंने कहा कि” माननीय उच्चतम न्यायालय से आग्रह है कि जल्द से जल्द इस मामले का निपटारा करें।”
वहीं इस मामले को लेकर SCBA के अध्यक्ष एवं सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने टेन न्यूज से बातचीत में कहा कि “आगामी 16 मार्च को जनरल बॉडी की मीटिंग बुलाई गई है। उसके बाद ही आगे के कारवाई पर निर्णय ली जाएगी।” साथ ही वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल एवं एन.के.कौल के माफी पर कहा कि ” वो उस दिन थे भी नहीं, उन्हें मामले की जानकारी भी नहीं थी ऐसे में किसी अन्य बेंच के पास माफी मांगने का क्या औचित्य है और मामले को 6 बार सूचीबद्ध किया गया कई बार मैंने निजी रूप से भी बातचीत की लेकिन अबतक लंबित पड़ा है। आगे आगामी जनरल बॉडी की मीटिंग में ही निर्णय ली जाएगी।”
वहीं इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. अजय कुमार पांडेय ने टेन न्यूज से टेलीफोनिक बातचीत में कहा कि ” यह मामला काफी लंबे समय से लंबित है, माननीय उच्चतम न्यायालय को इस मामले को क्रम संख्या 01 से 05 में सूचीबद्ध करना चाहिए था। और जहां तक सवाल माफी का है तो उन्हें माननीय न्यायालय से रिक्वेस्ट करना चाहिए था कि इस मामले को एक से पांच के बीच में सुनवाई हेतु सूचीबद्ध किया जाए।”
इस पूरे मामले पर वरिष्ठ अधिवक्ता आदिश अग्रवाल ने टेन न्यूज से टेलीफोनिक बातचीत में कहा कि कपिल सिब्बल और एन.के. कौल द्वारा बार की तरफ से माफी मांगना गलत है क्योंकि बार ने उन्हें ऐसी कोई जिम्मेदारी नहीं दी है, कपिल सिब्बल को अपने पुराने स्टेटमेंट के लिए माफी मांगना चाहिए।”
“(यह अंश अंग्रेजी में बातचीत का हिन्दी अनुवाद है।)”
बता दें कि बीते गुरुवार को उच्चतम न्यायालय में वकीलों के लिए चैंबर ब्लॉक में जमीन के एक टुकड़े को परिवर्तित करने के लिए SCBA द्वारा दायर याचिका को सूचीबद्ध करने को लेकर मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ एवं SCBA के अध्यक्ष विकास सिंह के बीच काफी बहस हो गई। जिसके बाद वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल एवं एन.के.कौल ने विकास सिंह के टिप्पणी पर CJI से बार की तरफ से माफी मांगी थी।
इस मामले के संबंध में बातचीत करने एवं वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल का पक्ष जानने के लिए टेन न्यूज की टीम ने उनसे संपर्क साधने का प्रयास किया है, संपर्क होते ही खबर को अपडेट की जाएगी।
बहरहाल टेन न्यूज नेटवर्क का यह मानना है कि सुप्रीम कोर्ट वकीलों को न्याय देने में इतनी देर करती है तो आम जनता का क्या ? क्या माननीय मुख्य न्यायाधीश क़ानून के ऊपर हैं? ग़ुस्सा करने का अधिकार क्या केवल न्यायाधीशों के लिए है ? इन सवालों का भी जवाब सुप्रीम कोर्ट को देना होगा।।