जहां नॉन बीजेपी की सरकार बनती है,ED को भेजकर सरकार गिरा दी जाती है: अरविंद केजरीवाल

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (05/03/2023): आबकारी नीति घोटाले मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद अरविंद केजरीवाल समेत विपक्ष के 9 नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोप लगाए हैं। इस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की प्रतिक्रिया सामने आया है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल भ्रष्टाचार के लिए नहीं बल्कि चुनी हुई सरकारों को गिराने और विपक्षी पार्टियों को तोड़ने के लिए करते है। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन मुझे छोड़कर बीजेपी में शामिल हो जाते तो आज वो जेल में नहीं होते और उनके ऊपर किसी तरह के मुकदमे भी नहीं होते।

उन्होंने कहा कि “प्रधानमंत्री जी की जो कार्यशैली है। वो ये हो गई है कि देश के अंदर किसी भी राज्य में बीजेपी के अलावा किसी की भी सरकार होगी तो उस सरकार को काम नहीं करने देंगे। ये बहुत ज्यादा खतरनाक है।प्रधानमंत्री किसी भी देश के एक फादर फिगर की तरह होते हैं। चुनाव में हम आपस में लड़े लेकिन चुनाव होने के बाद एक बार अगर कहीं कोई सरकार बन जाए तो उस सरकार को पूरी तरह से सपोर्ट देने की जिम्मेदारी और उसके साथ खड़े होने की और उसको अच्छा काम करने में मदद करने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री जी की होती है। लेकिन हमारे देश के प्रधानमंत्री जी ने ठान लिया है कि अगर बीजेपी को वोट नहीं दोगे कोई और सरकार बनाओगे तो उस सरकार को किसी भी हाल में काम नहीं करने देंगे।”

उन्होंने कहा कि “अगर बीजेपी के अलावा किसी और नेता की सरकार बन जाती है तो वह उसके ऊपर सीबीआई और ईडी को छोड़ देते हैं। उनको गिरफ्तार कर लेते हैं उनको तरह-तरह से प्रताड़ना और तंग करते हैं। उनकी पार्टी तोड़ देते हैं। उनकी सरकार गिरा देते हैं। पूरे देश में कई जगह ये देखने को मिला है। गोवा, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में ये देखने को मिला है। जहां पर भी नॉन बीजेपी गवर्नमेंट बनती है वहां सीबीआई और ईडी को छोड़कर और उनको पार्टी को गिरा दिया जाता है। उसके ऊपर ईडी और सीबीआई को छोड़ते हैं नेताओं को डराते हैं अगर नेता बीजेपी में आ जाए तो सारे मामले बंद हो जाते हैं। हेमंत बिस्वा सरमा, शुभेंदु अधिकारी, नारायण राणे बीजेपी में आ गए तो सीबीआई और ईडी के केस बंद हो गए। इसका मतलब यह हुआ कि या तो वह पहले निर्दोष थे और या दोषी तो थे और जैसे ही वो बीजेपी में आए सारे मामले बंद कर दिए गए हैं।”

उन्होंने कहा कि “सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल भ्रष्टाचार के खिलाफ नहीं कर रहे है। सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल चुनी हुई सरकारों को गिराने के लिए और दूसरी विपक्षी पार्टियों को तोड़ने के लिए कर रहे हैं। दिल्ली के अंदर जिस तरह से उन्होंने मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन जी को गिरफ्तार किया, दोनों के पास शुरू-शुरू में इन्होंने बहुत लोग भेजे कि केजरीवाल का साथ छोड़ दो और आप भारतीय जनता पार्टी के अंदर आ जाओ। अगर आज वो दोनों मेरा साथ छोड़कर बीजेपी में चले जाते तो आज वो जेल में नहीं होते। उनके ऊपर किसी तरह के मुकदमे नहीं होते। जाहिर तौर पर उनके ऊपर जितने मुकदमे हैं, सारे झूठे हैं लेकिन वो भी डटे हुए हैं। सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल केवल और केवल विपक्ष को तोड़ने के लिए और बीजेपी की जबरदस्ती सरकार बनाने के लिए किया जा रहा है।”

इसके अलावा उन्होंने कहा कि “जो बिल सरकारों ने पास किये, उन पर गवर्नर और उपराज्यपाल साइन नहीं कर रहे हैं। ऐसे चुनी हुई सरकारी कैसे काम करेंगे। उन्होंने कहा कि ममता दीदी और नीतीश कुमार जी परेशान है। साथ ही उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर समझते हैं कि सुप्रीम कोर्ट और संविधान को वो मानते ही नहीं है वह खुलेआम कहते घूम रहे हैं कि मैं सुप्रीम कोर्ट और संविधान को नहीं मानता। तो ऐसे देश कैसे चलेगा। देश का प्रधानमंत्री अगर नॉन बीजेपी सरकारों को काम नहीं करने देंगे और रोज-रोज अवरोध पैदा करेंगें तो इस तरह से देश के लिए तो बहुत खतरनाक स्थिति है।”